दिल्ली में निजी स्कूलों के फीस बढ़ाने का मामला कोर्ट पहुंचा, अदालत ने अनुमति देने को लेकर केजरीवाल सरकार से मांगा जवाब

By भाषा | Published: July 25, 2020 05:41 AM2020-07-25T05:41:32+5:302020-07-25T05:41:32+5:30

दिल्ली के स्कूलों द्वारा शुल्क बढ़ाने के मामले में एनजीओ जस्टिस फॉर ऑल ने अधिवक्ता खगेश बी. झा की मदद से यह याचिका दायर की है।

The matter of raising fees of private schools in Delhi reached the court, the court asked the Kejriwal government for permission to give permission. | दिल्ली में निजी स्कूलों के फीस बढ़ाने का मामला कोर्ट पहुंचा, अदालत ने अनुमति देने को लेकर केजरीवाल सरकार से मांगा जवाब

सांकेतिक तस्वीर (File Photo)

Highlightsएनजीओ का कहना है कि दिल्ली सरकार से सहायता प्राप्त निजी स्कूलों की फीस वृद्धि का प्रस्ताव शिक्षा निदेशालय को ऑनलाइन भेजा गया था। एनजीओ ने कहा कि ऐसे में एक बार मंजूरी मिलने के बाद आदेश की प्रति वेबसाइट पर अपलोड की जानी चाहिए थी, ताकि अभिभावकों को सूचना मिल सके।याचिका में आरोप लगाया गया है कि आदेश की प्रति उपलब्ध नहीं होने के कारण अभिभावकों को पता नहीं है कि फीस वृद्धि का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ है या नहीं। 

नयी दिल्लीदिल्ली उच्च न्यायालय ने गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने की बाबत सरकार से मिली किसी भी अनुमति को शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश देने के अनुरोध वाली एक जनहित याचिका पर शहर की अरविंद केजरीवाल सरकार से शुक्रवार को जवाब तलब किया।

मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर एक गैर सरकारी संगठल (एनजीओ) द्वारा दायर जनहित याचिका पर उसका जवाब मांगा है।

एनजीओ ने अपनी याचिका में दावा किया है कि चूंकि अभिभावकों को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है कि शिक्षा निदेशालय ने फीस वृद्धि की अनुमति दी है या नहीं, कुछ स्कूलों ने इसका नाजायज फायदा उठाते हुए अभिभावकों से कथित रूप से ज्यादा फीस वसूल ली है।

एनजीओ जस्टिस फॉर ऑल ने अधिवक्ता खगेश बी. झा की मदद से यह याचिका दायर की है। एनजीओ का कहना है कि सरकार की ओर से कम मूल्य में दी गई जमीनों पर बने गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों की फीस वृद्धि का प्रस्ताव शिक्षा निदेशालय को ऑनलाइन भेजा गया था।

ऐसे में एक बार उसे मंजूरी मिलने के बाद आदेश की प्रति वेबसाइट पर अपलोड की जानी चाहिए थी, ताकि अभिभावकों को सूचना मिल सके। याचिका में आरोप लगाया गया है कि आदेश की प्रति उपलब्ध नहीं होने के कारण अभिभावकों को पता नहीं है कि फीस वृद्धि का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ है या नहीं। 

Web Title: The matter of raising fees of private schools in Delhi reached the court, the court asked the Kejriwal government for permission to give permission.

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