लड़कों की शादी की उम्र घटाकर हो सकती है 18 साल, मोदी सरकार इन बदलावों पर कर रही विचार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 30, 2019 12:09 PM2019-10-30T12:09:09+5:302019-10-30T12:09:09+5:30
बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के मुताबिक मौजूदा समय में लड़कों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल और लड़कियों की 18 साल है।
लड़कियों की तरह अब लड़के भी बालिग होते ही कानूनी रूप से शादी कर सकेंगे। अगर सरकार नए प्रस्ताव पर मुहर लगाती है तो लड़कों की शादी की उम्र 21 साल से घटाकर 18 साल की जा सकती है। द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार लड़का और लड़की की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल करने पर विचार कर रही है। बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के मुताबिक मौजूदा समय में लड़कों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल और लड़कियों की 18 साल है।
रिपोर्ट के मुताबिक 18 अक्टूबर को मंत्रालयों के बीच बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा की गई। इस बैठक में कानून, गृह, स्वास्थ्य, अल्पसंख्यक मामले और जनजातीय मामलों के मंत्रालय शामिल हुए।
एक और प्रस्ताव बाल विवाह को स्वतः अमान्य किए जाने का है। वर्तमान नियम के मुताबिक बाल विवाह का जोड़ा अगर शादी की वैधानिक उम्र प्राप्त कर लेता है तो शादी वैध मानी जाती है। लेकिन नए प्रस्ताव के मुताबिक बाल विवाह किसी भी सूरत में वैध नहीं माना जाएगा। द प्रिंट ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय के प्रकाश में संशोधन का प्रस्ताव दिया है।
इसके अलावा एक्ट से 'मेंटीनेंस' और 'रेजीडेंस' जैसे शब्दों को हटाने पर भी विचार हो रहा है। इसकी जगह 'कंपेनसेशन' लिखा जाएगा। वर्तमान समय में पीसीएमए कानून के प्रावधानों के तहत शादी टूटने की स्थिति में कोर्ट पति से मेंटीनेंस और रेजीडेंस देने का आदेश दे सकता है जब तक पत्नी की दूसरी शादी नहीं हो जाती।
एक और प्रस्ताव में बाल विवाह को बढ़ावा देने वालों की सजा और अर्थदंत को बढ़ाने पर विचार हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक सजा दो साल से बढ़ाकर सात साल और फाइन एक लाख से बढ़ाकर सात लाख किया जा सकता है।