पुडुचेरी की उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री को 22 फरवरी को बहुमत साबित करने को कहा
By भाषा | Updated: February 18, 2021 21:43 IST2021-02-18T21:43:08+5:302021-02-18T21:43:08+5:30

पुडुचेरी की उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री को 22 फरवरी को बहुमत साबित करने को कहा
पुडुचेरी, 18 फरवरी पुडुचेरी की उपराज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने कार्यभार संभालने के कुछ घंटे के अंदर ही केंद्र शासित प्रदेश में कांग्रेस सरकार को 22 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि वह संविधान के मुताबिक कार्य करेंगी।
सत्ताधारी दल के एक विधायक के इस्तीफा देने के कुछ दिन बाद प्रदेश सरकार के अल्पमत में आने की बात कही जा रही है। बीते एक महीने में वह विधानसभा से इस्तीफा देने वाले चौथे विधायक हैं। इन इस्तीफों के बाद 33 सदस्यीय विधानसभा में प्रभावी सदस्य संख्या 28 हो गई है जबकि कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के 14 विधायक हैं।
तेलंगाना की राज्यपाल सौंदरराजन को किरण बेदी को हटाए जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। विपक्ष के भी प्रदेश में 14 विधायक हैं और उसका दावा है कि सरकार सदन में बहुमत खो चुकी है और उसने सरकार को सदन में बहुमत साबित करने का निर्देश देने के लिये उपराज्यपाल से अनुरोध किया था जिसके बाद उन्होंने विश्वास मत के लिये मुख्यमंत्री वी नारायणसामी की सरकार को निर्देश दिये।
नारायणसामी ने इससे पहले दिन में सौंदरराजन के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में हिस्सा लिया था और बाद में उनसे मुलाकात भी की थी।
विधानसभा में मौजूदा दलगत स्थिति को देखें तो कांग्रेस (10, विधानसभा अध्यक्ष समेत), द्रमुक तीन, ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस-7, अन्नाद्रमुक-4, भाजपा तीन (सभी मतदान के अधिकार के साथ नामित) और एक निर्दलीय सदस्य है। कांग्रेस को निर्दलीय सदस्य का समर्थन हासिल है। कांग्रेस के चार विधायक इस्तीफा दे चुके हैं और एक सदस्य को अयोग्य करार दिया गया है।
विधानसभा की मौजूदा सदस्य संख्या के मुताबिक साधारण बहुमत के लिये 15 सदस्यों का साथ चाहिए।
विपक्ष मंगलवार से नारायणसामी से इस्तीफे की मांग कर रहा है जब उनके विश्वस्त विधायक जॉन कुमार ने पद से इस्तीफा दे दिया था।
नारायणसामी ने इन मांगों को खारिज करते हुए कहा था कि उनके पास बहुमत है। हालांकि यहां जल्द ही चुनाव होने वाले हैं और दो मंत्रियों समेत पार्टी के चार विधायकों का इस्तीफा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिये झटका माना जा रहा है।
केंद्र शासित प्रदेश में अप्रैल में चुनाव होने की उम्मीद है। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल आठ जून को पूरा हो रहा है।
उपराज्यपाल के सचिवालय की तरफ से यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि विधानसभा में विपक्ष के नेता और एआईएनआरसी प्रमुख एन रंगास्वामी इस बात पर जोर दे रहे थे कि सरकार को सदन में अपना बहुमत साबित करना चाहिए जिसके बाद सौंदरराजन ने मुख्यमंत्री वी नारायणसामी को यह निर्देश दिया।
विज्ञप्ति के मुताबिक इस सिलसिले में रंगास्वामी, अन्नाद्रमुक विधायक दल के नेता ए अनबालागन और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक वी समीनाथन ने उपराज्यपाल से मुलाकात की थी। इसमें कहा गया, “उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार अल्पमत में आ गई है और सत्ता में बने रहने की वैधानिकता खो चुकी है।”
इसमें कहा गया कि उपराज्यपाल ने नारायणसामी को सूचित किया है कि विधानसभा की बैठक सोमवार को होगी और इसका “एकमात्र एजेंडा यह पता करना होगा कि सरकार के पास अब भी सदन में बहुमत है या नहीं।”
इसमें कहा गया कि मतदान हाथ उठाकर होगा और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी।
विज्ञप्ति में कहा गया, “उपरोक्त निर्देश के मुताबिक विश्वास मत की प्रक्रिया 22 फरवरी 2021 को शाम पांच बजे तक पूरी कर ली जाएगी और कार्यवाही को किसी भी कीमत पर स्थगित/विलंबित या टाला नहीं जाएगा।”
इसमें कहा गया कि सभी प्राधिकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कानून-व्यवस्था का किसी तरह का उल्लंघन न हो और विश्वास मत की प्रक्रिया शांतिपूर्वक संपन्न हो।
इससे पहले दिन में मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी ने सौंदर्यराजन को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उन्होंने तमिल भाषा में शपथ ली और वह इस केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल के तौर पर सेवा देने वाली पांचवीं महिला हैं।
बाद में उन्होंने संवाददाताओं से कहा,‘‘ मुझे पता है कि राज्यपाल की क्या शक्तियां हैं, उप राज्यपाल, मुख्यमंत्री , निर्वाचित सदस्यों और अधिकारियों की क्या शक्तियां हैं।’’
उन्होंने कहा,‘‘ मेरे और जनता के बीच कोई अवरोध नहीं होगा । मैं हर मुद्दे पर ध्यान दूंगी और जनता की सेवा करूंगी।
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