लाइव न्यूज़ :

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- कोर्ट का काम न्याय देना है, समाज को संदेश देना नहीं

By भाषा | Updated: June 2, 2020 05:13 IST

दिल्ली हाईकोर्ट: न्यायाधीश ने कहा कि अगर अदालत को लगता है कि उसे न्यायिक हिरासत में रखने से जांच या अभियोजन का कोई उद्देश्य पूरा नहीं होने वाला तो आरोपी को जमानत देने से इनकार करने का कोई आधार नहीं है।

Open in App
ठळक मुद्देदिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अदालत का काम न्याय देना है, समाज को संदेश देना नहीं।अदालत ने इसी के साथ कहा कि जेल प्राथमिक रूप से दोषियों के लिये हैं, न कि जनता को संदेश देने के लिये विचाराधीन कैदियों को हिरासत में रखने के लिये। 

नई दिल्लीःदिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अदालत का काम न्याय देना है, समाज को संदेश देना नहीं। अदालत ने इसी के साथ कहा कि जेल प्राथमिक रूप से दोषियों के लिये हैं, न कि जनता को संदेश देने के लिये विचाराधीन कैदियों को हिरासत में रखने के लिये। 

इस साल फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में एक आरोपी को जमानत देते हुए न्यायमूर्ति अनूप जे भंभानी ने यह टिप्पणी की और दिल्ली पुलिस की उस दलील को खारिज कर दिया कि इस शुरुआती चरण में जमानत देने से समाज में प्रतिकूल संदेश जाएगा और राष्ट्रीय राजधानी में ऐसे अपराधों को होने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। 

न्यायाधीश ने कहा कि अगर अदालत को लगता है कि उसे न्यायिक हिरासत में रखने से जांच या अभियोजन का कोई उद्देश्य पूरा नहीं होने वाला तो आरोपी को जमानत देने से इनकार करने का कोई आधार नहीं है। उच्च न्यायालय ने कहा, “जेल मुख्य रूप से दोषियों को सजा देने के लिये है, न कि समाज को कोई ‘संदेश’ देने के लिये विचाराधीन को रखने के लिये। अदालत का काम कानून के अनुरूप न्याय करना है, समाज को संदेश भेजना नहीं।” 

उच्च न्यायालय ने फिरोज खान को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके और उसके दो रक्त संबंधियों द्वारा इतनी ही रकम की दो जमानत राशि जमा करने पर जमानत मंजूर करते हुए निर्देश दिया कि वह अदालत की इजाजत के बिना राष्ट्रीय राजधानी से बाहर नहीं जाएगा। याचिका के मुताबिक उसे तीन अप्रैल को उत्तर पूर्वी दिल्ली के दयालपुर पुलिस थाने में दर्ज एक प्राथमिकी के सिलसिले में हिरासत में लिया गया था। उस पर कथित तौर पर दंगा और एक घर को नष्ट करने के लिये आग लगाने या विस्फोटक पदार्थ का इस्तेमाल करने की धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। 

प्राथमिकी में शिकायतकर्ता के बयान के मुताबिक 24 फरवरी को कुछ दंगाइयों ने उसकी दुकान को आग लगा दी और लाखों रुपये लूट लिए। खान ने जमानत मांगते हुए कहा था कि न ही प्राथमिकी में उसका नाम है और न ही जांच के दौरान ऐसा कोई साक्ष्य जुटाया गया, जो उसे अपराध के साजिशकर्ता के तौर पर स्थापित करे।

टॅग्स :दिल्ली हाईकोर्टदिल्ली
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजब वंदे मातरम् के 100 वर्ष हुए, तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था?, पीएम मोदी ने कहा-संविधान का गला घोंट दिया गया था, वीडियो

भारत‘अंग्रेजों ने बांटो और राज करो का रास्ता चुना’, लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा-आजादी की लड़ाई, मातृभूमि को मुक्त कराने की जंग थी, वीडियो

क्राइम अलर्टदाहिने जांघ पर धारदार हथियार से हमला कर 22 वर्षीय युवक की हत्या, कई घाव और तीन चोटों की पुष्टि, आखिर किसने ली जान

भारतIndiGo Flight Cancellations: इंडिगो संकट, 7वें दिन 400 फ्लाइट कैंसिल, हालात से लाचार हजारों पैसेंजर, देखिए दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई एयरपोर्ट हाल, वीडियो

भारतIndiGo Crisis: 6 दिन में 2000 से अधिक फ्लाइट कैंसिल, दिल्ली एयरपोर्ट ने यात्रियों के लिए एडवाइज़री जारी की, एयरपोर्ट जाने से पहले लेटेस्ट स्टेटस चेक कर लें

भारत अधिक खबरें

भारतजन संस्कृतिक मंचः 50 वर्ष पूरे होने पर स्वर्ण जयंती, 15 सदस्यीय आयोजन समिति का गठन 

भारतNCERT की कक्षा 7वीं की अपडेटेड टेक्स्टबुक में गजनी की क्रूरता शामिल

भारत500 करोड़ रुपये का सूटकेस दो और सीएम बनो?, पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर के बयान पर शिवकुमार ने कहा- ‘पागलों के किसी अस्पताल’ में भर्ती हो?

भारतवंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं और हम सभी ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं, लोकसभा में पीएम मोदी, वीडियो

भारतमेरे सम्मानित प्रदेश वासियों?, सीएम योगी लिखी चिट्ठी, क्या है इसमें खास?, पढ़िए