स्वदेशी तौर पर विकसित स्पेक्ट्रोग्राफ को देवस्थल आप्टिकल टेलीस्कोप पर स्थापित किया गया
By भाषा | Updated: March 3, 2021 20:37 IST2021-03-03T20:37:56+5:302021-03-03T20:37:56+5:30

स्वदेशी तौर पर विकसित स्पेक्ट्रोग्राफ को देवस्थल आप्टिकल टेलीस्कोप पर स्थापित किया गया
नयी दिल्ली, तीन मार्च भारतीय वैज्ञानिकों ने एक कम लागत वाला ऑप्टिकल स्पेक्ट्रोग्राफ डिजाइन और विकसित किया है जो दूरस्थ विशाल तारों और आकाशगंगा से आने वाले मंद प्रकाश के स्रोतों का पता लगा सकता है। यह जानकारी बुधवार को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने दी।
अभी तक इन्हें विदेशों से आयात किए जाता था जिनमें लागत बहुत अधिक आती थी।
आर्यभट्ट प्रेक्षण शोध विज्ञान संस्थान(एआरआईईएस), नैनीताल द्वारा स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और विकसित किए गए ऑप्टिकल स्पेक्ट्रोग्राफ कों एरीस-देवस्थल फेंट ऑब्जेक्ट स्पेक्ट्रोग्राफ एंड कैमरा (एडीएफओएससी) नाम दिया गया है। यह आयातित ऑप्टिकल स्पेक्ट्रोग्राफ की तुलना में लगभग 2.5 गुना कम महंगा है और यह कम से कम एक फोटॉन प्रति सेकंड वाले फोटान-दर के प्रकाश स्रोत का पता लगा सकता है।
इस स्पेक्ट्रोस्कोप को उत्तराखंड में नैनीताल के पास देश में और एशिया में सबसे बड़े 3.6-एम देवस्थल ऑप्टिकल टेलीस्कोप (डीओटी) पर सफलतापूर्वक लगा दिया गया है। यह देश में मौजूदा खगोलीय स्पेक्ट्रोग्राफ में से अपनी तरह का सबसे बड़ा है।
यह उपकरण, बेहद मंद आकाशीय स्रोतों की निगरानी के लिए 3.6-एम डॉट का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें कई लेंस से बने विशेष लेंस वाली जटिल व्यवस्था का उपयोग किया जाता है।
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