भारतीय सेनाअरुणाचल प्रदेश में हल्के होवित्जर तोप तैनात करने की तैयारी कर रही है। इससे ईस्टर्न सेक्टर की पहाड़ी सीमाओं की सुरक्षा को काफी बल मिलेगा। हिंदुस्तान टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में ये बातें कही हैं।
155mm/39 कैलिबर की होवित्जर हेलीकॉप्टर पर लोड करके पहाड़ी इलाकों में भी आसानी से ले जाई जा सकती है। भारत ने नवंबर 2016 में अमेरिका से 145 होवित्जर तोप का 750 मिलियन डॉलर में करार किया था।
एचटी ने एक अधिकारी के हवाले से लिखा है कि एम777 पूर्वोत्तर इलाके में एक गेम-चेंजर साबित होगी। बोइंग सीएच-47एफ चिनूक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करके इसे आसानी से तैनात किया जा सकता है। होवित्जर तोप लाइट आर्टिलरी रेजिमेंट का हिस्सा बनेगी।
चीन ने सीमा तक सड़कों का निर्माण करके बेहद सहूलियत हासिल कर ली है। ऐसे में भारत की होवित्जर तोपों को हेलीकॉप्टर के जरिए दुर्गम स्थानों तक पहुंचाया जा सकता है। इससे सीमा सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी और यह गेम चेंजर साबित हो सकती हैं।
थल सेना 145 एम 777 होवित्जर की सात रेजीमेंट भी बनाने जा रही है। इसे हेलीकॉप्टर या विमान के जरिए एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। होवित्जर अमेरिका में बनी बेहद हल्की तोप है। इसे अफगानिस्तान और इराक युद्ध में इस्तेमाल किया जा चुका है। अभी इसका इस्तेमाल अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया कर रहे हैं।
पाकिस्तान और चीन सीमा पर बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए इन तोपों की महत्ता बढ़ जाती है। यह दमदार तोप 24-30 किमी की दूरी तक वार कर सकती है। इसे एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाने के लिए भारत ने अमेरिका से 15 चिनूक हेलीकॉप्टर भी खरीदे हैं। ये करार सितंबर 2015 में 1.18 बिलियन डॉलर में हुआ। इसमें से 6 हेलीकॉप्टर की डिलेवरी हो चुकी है।