देशमुख के खिलाफ जांच का अनुरोध करने वाली याचिका को लेकर उच्च न्यायालय ने वकील को फटकार लगाई

By भाषा | Updated: March 30, 2021 15:45 IST2021-03-30T15:45:20+5:302021-03-30T15:45:20+5:30

The High Court reprimanded the lawyer for his plea seeking investigation against Deshmukh. | देशमुख के खिलाफ जांच का अनुरोध करने वाली याचिका को लेकर उच्च न्यायालय ने वकील को फटकार लगाई

देशमुख के खिलाफ जांच का अनुरोध करने वाली याचिका को लेकर उच्च न्यायालय ने वकील को फटकार लगाई

मुंबई, 30 मार्च बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख और मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह के खिलाफ सीबीआई जांच का अनुरोध करने वाली याचिका को लेकर एक वकील को फटकार करते हुए कहा कि इस प्रकार की याचिकाएं अकसर ‘‘घटिया प्रसिद्धि’’ के लिए दायर की जाती हैं।

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिताले की पीठ ने जयश्री पाटिल की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।

याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया है कि वह सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी को देशमुख के खिलाफ लगे आरोपों की जांच का निर्देश दे।

पाटिल ने पिछले सप्ताह याचिका दायर कर कहा था कि देशमुख और सिंह ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित आवास के बाहर मिली विस्फोटक सामग्री युक्त एसयूवी, वाहन के मालिक मनसुख हिरन की हत्या, मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी और संबंधित घटनाक्रमों के दौरान अपने पेशेवर कर्तव्य का पालन नहीं किया।

देशमुख ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है।

पाटिल ने मंगलवार को अदालत से कहा कि उन्होंने इस पूरे मामले में एक स्थानीय थाने में भी शिकायत दर्ज कराई है।

अदालत ने कहा, ‘‘प्रथमदृष्ट्या हमारा मानना है कि इस प्रकार की याचिकाएं घटिया प्रसिद्धि पाने के लिए दायर की जाती हैं। यह अस्वीकार्य है।’’

महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने पीठ से कहा कि परमबीर सिंह ने भी उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है और इस प्रकार मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ बुधवार को सुनवाई करेगी।

उन्होंने पाटिल की याचिका के बारे में कहा कि याचिका को ‘‘बहुत खराब तरीके से तैयार’’ किया गया है।

पीठ ने कहा कि पाटिल की याचिका में केवल राज्य के गृह मंत्री एवं सिंह के बीच हुई बातचीत को ही पेश किया गया है।

इसने पाटिल से कहा, ‘‘आप कानून में डॉक्टरेट हैं। अपनी याचिका में कोई मौलिक अनुरोध कीजिए। आपने केवल पूर्व आयुक्त एवं गृह मंत्री की बाचतीत फिर से पेश की है। आप केवल परिच्छेद के बाद परिच्छेद निकाल रही हैं।’’

अदालत ने कहा, ‘‘और इससे आपका क्या लेना-देना है? आपने किस कारण याचिका दायर की है।’’

उच्च न्यायालय ने इसके बाद कुंभकोणी से इस मामले से संबंधित सभी यचिकाओं को एक साथ जोड़ने को कहा, ताकि कोई असंगत आदेश पारित न हो सके।

अदालत पाटिल की याचिका और अन्य संबंधित याचिकाओं, यदि कोई है, पर एक अप्रैल को सुनवाई करेगी।

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Web Title: The High Court reprimanded the lawyer for his plea seeking investigation against Deshmukh.

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