असम में शॉर्ट्स पहनकर परीक्षा देने पहुंची लड़की को पर्दे से पैर ढकने को कहा गया, जांच के आदेश

By भाषा | Updated: September 17, 2021 18:39 IST2021-09-17T18:39:03+5:302021-09-17T18:39:03+5:30

The girl who arrived in Assam wearing shorts was asked to cover her legs with a curtain, orders for investigation | असम में शॉर्ट्स पहनकर परीक्षा देने पहुंची लड़की को पर्दे से पैर ढकने को कहा गया, जांच के आदेश

असम में शॉर्ट्स पहनकर परीक्षा देने पहुंची लड़की को पर्दे से पैर ढकने को कहा गया, जांच के आदेश

गुवाहाटी, 17 सितंबर असम के तेजपुर में परीक्षा देने पहुंची 19 वर्षीय एक लड़की को तब पर्दे से अपने पैर ढकने पड़े जब परीक्षा निरीक्षक ने उसके शॉर्ट्स पहनकर आने पर आपत्ति जताई। इस घटना से विवाद खड़ा हो गया है और विश्वविद्यालय अधिकारियों को जांच का आदेश देना पड़ा है।

लड़की के परिजनों ने हालांकि कहा कि वे अपनी बेटी के शैक्षिक भविष्य को ध्यान में रखते हुए मामले को तूल नहीं देना चाहते।

घटना बुधवार को तब हुई जब लड़की अपने गृहनगर बिस्वनाथ चरियाली से असम कृषि विश्वविद्यालय (एएयू) की प्रवेश परीक्षा देने तेजपुर पहुंची थी। वह बिना किसी रोकटोक के परीक्षा स्थल पर पहुंच गई, लेकिन परीक्षा हॉल में मौजूद परीक्षा निरीक्षक ने उसके शॉर्ट्स पहने होने पर आपत्ति जताई।

लड़की के पिता बाबुल तामुली ने पीटीआई-भाषा को शुक्रवार को बताया कि जब गिरिजानंद चौधरी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज (जीआईपीएस) में परीक्षा निरीक्षक ने उनकी बेटी से यह कहा कि उसे शॉर्ट्स पहनकर परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी तो उसने अधिकारियों के समक्ष मामला उठाया और इसके साथ ही प्रवेश पत्र में भी ड्रेस कोड का कोई उल्लेख नहीं था।

उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ने यह भी बताया कि वह हाल में शॉर्ट्स पहनकर नीट परीक्षा में भी बैठी थी।

परीक्षा निरीक्षक पर जब कोई असर नहीं पड़ा तो लड़की परीक्षा केंद्र के बाहर मौजूद अपने पिता के पास पहुंची और संबंधित मामले की जानकारी दी। इसपर तामुली ट्राउजर खरीदने के लिए तत्काल पास के बाजार के लिए रवाना हो गए, लेकिन जब तक वह लौटते तब तक अधिकारियों ने पैर ढकने के लिए लड़की को एक पर्दा उपलब्ध करा दिया था। लड़की ने फिर पर्दे से अपने पैरों को ढककर परीक्षा दी।

तामुली ने कहा, ‘‘मेरी बेटी घबरा गई थी और उसने इस अपमानजनक घटना के बारे में कुछ स्थानीय पत्रकारों से बात की तथा फिर यह बात सोशल मीडिया पर छा गई। अनेक लोगों ने घटना की निंदा की, लेकिन कई ने मेरी बेटी पर ही हमला बोला, जिससे वह मानसिक रूप से परेशान हो गई है।’’

उन्होंने कहा कि कई लोगों ने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मामले को आगे बढ़ाने का सुझाव दिया, लेकिन परिवार ने इसे और तूल न देने का फैसला किया है।

तामुली ने कहा, ‘‘हमने अपनी बेटी की मानसिक कुशलक्षेम के हित में मामले को आगे न बढ़ाने का निर्णय किया है। हम चाहते हैं कि वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करे।’’

विश्वविद्यालय ने हालांकि घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है। इसके रजिस्ट्रार तपन कुमार गोहैन ने कहा कि कृषि संकाय के डीन के नेतृत्व में समिति जांच करेगी और 10 दिन के भीतर रिपोर्ट देगी। उन्होंने कहा कि एएयू ने परीक्षार्थियों के लिए कोई ड्रेस कोड लागू नहीं किया था।

अनेक लोगों ने घटना पर नाराजगी जताई है।

कांग्रेस प्रवक्ता बबीता सरमा ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की मानसिकता लड़कियों की सुरक्षा के लिए खतरनाक है।

वहीं, लैंगिक अधिकार कार्यकर्ता अनुरिता हजारिका ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि यदि पुरुष निरीक्षक ने लड़की को पैरों को पर्दे से ढकने के लिए विवश किया तो यह यौन उत्पीड़न के बराबर हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह का व्यवहार पूरी तरह अस्वीकार्य है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: The girl who arrived in Assam wearing shorts was asked to cover her legs with a curtain, orders for investigation

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे