दिल्ली हाईकोर्ट से उमर खालिद को नहीं मिली जमानत, दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में सितंबर 2020 से हिरासत में है JNU के पूर्व छात्र नेता

By रुस्तम राणा | Published: October 18, 2022 02:42 PM2022-10-18T14:42:22+5:302022-10-18T15:34:06+5:30

जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद पर पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़े एक बड़े षड्यंत्र के तहत यूएपीए के तहत मामला दर्ज है। सीएए प्रोटेस्ट के दौरान ये दंगे दिसंबर 2019 और फरवरी 2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए थे।

The Delhi High Court dismisses the bail plea of former JNU student leader Umar Khalid | दिल्ली हाईकोर्ट से उमर खालिद को नहीं मिली जमानत, दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में सितंबर 2020 से हिरासत में है JNU के पूर्व छात्र नेता

दिल्ली हाईकोर्ट से उमर खालिद को नहीं मिली जमानत, दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में सितंबर 2020 से हिरासत में है JNU के पूर्व छात्र नेता

Highlightsकोर्ट ने कहा- ने कहा, हमें जमानत की अपील में कोई दम नहीं लगता, जमानत की अपील खारिज की जाती हैदिल्ली HC ने कहा- यह मानने के लिए उचित आधार नहीं हैं कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप प्रथम दृष्टया साबित नहीं हुआ हैकोर्ट ने कहा- अपीलकर्ता शरजील इमाम सहित अन्य सह-आरोपियों के साथ लगातार संपर्क में था, जो यकीनन साजिश के प्रमुख हैं

नई दिल्ली:दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद को झटका देते हुए उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। जेएनयू के पूर्व छात्र नेता सितंबर 2020 से हिरासत में है। उमर खालिद पर पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़े एक बड़े षड्यंत्र के तहत यूएपीए के तहत मामला दर्ज है। सीएए प्रोटेस्ट के दौरान ये दंगे दिसंबर 2019 और फरवरी 2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए थे।

दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या कहा?

दिल्ली हाईकोर्ट के जज सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की विशेष खंडपीठ ने कार्यकर्ता की जमानत याचिका पर यह आदेश सुनाया। नौ सितंबर को आदेश सुरक्षित रखा गया था। पीठ ने कहा, 'हमें जमानत की अपील में कोई दम नहीं लगता, जमानत की अपील खारिज की जाती है। 

अदालत की पीठ ने कही गंभीर बात

पीठ ने अपने आदेश में कहा, चार्ज-शीट को ध्यान से पढ़ने और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि अपीलकर्ता शरजील इमाम सहित अन्य सह-आरोपियों के साथ लगातार संपर्क में था, जो यकीनन साजिश के प्रमुख हैं। इस स्तर पर, एक राय बनाना मुश्किल है कि यह मानने के लिए उचित आधार नहीं हैं कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप प्रथम दृष्टया साबित नहीं हुआ है। 

इससे पूर्व अभियोजक पक्ष ने जमानत के खिलाफ किया था विरोध

इससे पूर्व सुनवाई में खालिद की जमानत का विरोध करते हुए, विशेष अभियोजक अमित प्रसाद ने प्रस्तुत किया कि फरवरी 2020 में अमरावती में खालिद का भाषण एक "बहुत ही सुविचारित भाषण" था जिसमें उन्होंने बाबरी मस्जिद, तीन तलाक, कश्मीर, मुसलमानों का दमन, सीएए और सहित कई बिंदु उठाए थे। एनआरसी, और सरकार के खिलाफ "सड़कों पर विरोध" का आह्वान किया था।

 

Web Title: The Delhi High Court dismisses the bail plea of former JNU student leader Umar Khalid

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