हाथरस की पीड़िता के रूप में मृत महिला की तस्वीर सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के मामले में अदालत ने केंद्र से जवाब मांगा
By भाषा | Published: November 9, 2020 08:05 PM2020-11-09T20:05:10+5:302020-11-09T20:05:10+5:30
नयी दिल्ली, नौ नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र से पूछा कि उस व्यक्ति की याचिका पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई जिसने दावा किया है कि हाथरस के कथित सामूहिक बलात्कार मामले की पीड़िता के रूप में उसकी मृत पत्नी की तस्वीर सोशल मीडिया पर प्रसारित की जा रही है।
हाथरस कांड की पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी।
न्यायमूर्ति नवीन चावला ने उल्लेख किया कि याचिकाकर्ता ने 17 अक्टूबर को केंद्र को प्रतिवेदन भेजा था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
अदालत के सवाल के जवाब में केंद्र सरकार की स्थायी अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा ने कहा कि संबंधित व्यक्ति पहले यूआरएल और वेब पेज जैसे कुछ विवरण उपलब्ध कराए जहां संबंधित सामग्री दिखाई जा रही है। वह अपनी पत्नी का मृत्यु प्रमाणपत्र, उसका आधार कार्ड और याचिका में उठाए गए मुद्दे के संबंध में दर्ज कराई गई प्राथमिकी उपलब्ध कराए।
याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि सरकार को 17 अक्टूबर को उनके मुवक्किल के प्रतिवेदन के साथ 200 से अधिक ‘यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर्स’ (यूआरएल)/वेब पेज एड्रेस उपलब्ध कराए गए थे, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
उन्होंने उल्लेख किया कि अदालत ने 13 अक्टूबर के अपने आदेश में सरकार को प्रतिवेदन मिलने के तीन दिन के भीतर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
अदालत ने याचिकाकर्ता से अपने प्रतिवेदन की एक प्रति अरोड़ा को देने को कहा।
इसने अरोड़ा से कहा कि इस बारे में जल्द कुछ कीजिए क्योंकि यह एक ‘‘गंभीर मामला’’ है।
अदालत ने सरकार को एक सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट दायर करने का निर्देश देने के साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 नवंबर की तारीख निर्धारित की।
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