महिला को जबरन राजस्थान ले जाने के मामले में अदालत ने राज्य पुलिस से नाराजगी जताई

By भाषा | Published: November 26, 2020 09:03 PM2020-11-26T21:03:01+5:302020-11-26T21:03:01+5:30

The court resented the state police for forcibly taking the woman to Rajasthan | महिला को जबरन राजस्थान ले जाने के मामले में अदालत ने राज्य पुलिस से नाराजगी जताई

महिला को जबरन राजस्थान ले जाने के मामले में अदालत ने राज्य पुलिस से नाराजगी जताई

नयी दिल्ली, 26 नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी से 26 वर्षीय महिला को जबरन ले जाने की राजस्थान पुलिस की कार्रवाई को बृहस्पतिवार को ‘पूरी तरह अनुचित’ करार दिया और राज्य सरकार द्वारा अधिकारियों पर कार्रवाई का निर्देश दिया।

लड़की के परिवार वालों की ओर से दर्ज अपहरण के मामले के सिलसिले में राजस्थान पुलिस ने यह कार्रवाई की थी।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने कहा कि किसी पुरुष पुलिस अधिकारी को महिला को कार में जबरन धकेलकर बैठाने का अधिकार नहीं है जबकि वह आरोपी भी नहीं है बल्कि अपने पिता और परिजनों द्वारा दर्ज प्राथमिकी के अनुसार पीड़ित है।

सुनवाई के दौरान लड़की के माता-पिता उपस्थित थे।

उच्च न्यायालय के बुधवार के निर्देशानुसार महिला को दिल्ली वापस लाया गया और वीडियो कॉन्फ्रेंस से उसके समक्ष पेश किया गया। लड़की आईआईएम बेंगलोर से फेलोशिप कर रही है।

उसने अपने परिवार की तरफ से शादी का दबाव होने के बाद घर छोड़ने की पूरी घटना बताई।

राजस्थान पुलिस एक मजिस्ट्रेट के समक्ष उसका बयान दर्ज कराने के लिए जबरन धौलपुर ले गयी थी।

अदालत महिला के पैरोकार (दोस्त) के माध्यम से उसकी सुरक्षा के लिए दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

महिला ने अदालत को बताया कि अधिकारियों ने उसका मोबाइल फोन छीन लिया और धौलपुर जाने के रास्ते में उन्होंने सड़क किनारे एक ढाबे पर खाने के लिए गाड़ी रोकी जहां पुलिस अधिकारियों ने शराब पी।

पीठ ने कहा कि यदि महिला के आरोप सच हैं तो ये पुलिस बल की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं और इस मामले में जांच की जरूरत है।

पीठ ने कहा, ‘‘हम राजस्थान के पूरे सरकारी महकमे को उक्त पहलुओं की पड़ताल करने का और जांच करके तदनुसार उचित कार्रवाई करने का निर्देश देते हैं।’’

पीठ ने इस बात की भी आलोचना की कि एक मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराने के लिए लड़की को राजस्थान ले जाया गया जबकि यह काम यहां एक अदालत में भी हो सकता था।

पीठ ने कहा, ‘‘महिला के यह कहने के बावजूद कि वह अनहद (एनजीओ) के दफ्तर में है, उसे राजस्थान पुलिस द्वारा जबरन राजस्थान ले जाने की कार्रवाई पूरी तरह अनुचित है।

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Web Title: The court resented the state police for forcibly taking the woman to Rajasthan

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