अदालत ने बिजली चोरी के जुर्म में दो को दोषी ठहराया, कहा- कैंसर की तरह फैल गई है, 20-20 लाख का जुर्माना लगा

By भाषा | Published: July 9, 2019 08:14 PM2019-07-09T20:14:22+5:302019-07-09T20:14:22+5:30

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि फिलहाल बिजली चोरी की वजह से 12 फीसदी का नुकसान होता है और अगर उसे राजस्व में बदला जाए तो यह करोड़ों रुपये होते हैं। अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता राकेश (46) और ऑटो चालक हफीज़ (38) को 9.6 किलोवाट की बिजली चोरी के जुर्म में दोषी ठहराया है।

The court blamed the two for the theft of electricity, said, - Cancer has spread like this, fined 20-20 lakhs | अदालत ने बिजली चोरी के जुर्म में दो को दोषी ठहराया, कहा- कैंसर की तरह फैल गई है, 20-20 लाख का जुर्माना लगा

अदालत ने दोनों दोषियों को 13 लाख रुपये से ज्यादा ‘सिविल लाइबिलिटी’ के तौर पर देने को निर्देश दिया।

Highlightsअदालत ने दोनों दोषियों पर 20.8-20.8 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और उनकी जेल की सज़ा को पांच अगस्त तक के लिए निलंबित कर दी है। अपनी सज़ा के खिलाफ अपील कर सकें और 10 हजार रुपये का मुचलका तथा 10 हजार रुपये की ज़मानत राशि प्रस्तुत करें।

दिल्ली की एक अदालत ने बिजली चोरी के जुर्म में दो व्यक्तियों को दोषी ठहराते हुए कहा कि बिजली की चोरी कैंसर की तरह फैल गई है और भयावह स्थिति में पहुंच गई है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि फिलहाल बिजली चोरी की वजह से 12 फीसदी का नुकसान होता है और अगर उसे राजस्व में बदला जाए तो यह करोड़ों रुपये होते हैं। अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता राकेश (46) और ऑटो चालक हफीज़ (38) को 9.6 किलोवाट की बिजली चोरी के जुर्म में दोषी ठहराया है।

वे अवैध तारों से कुंडा लगाकर अवैध तरीके से ई-रिक्श चार्ज कर रहे थे। अदालत ने दोनों दोषियों पर 20.8-20.8 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और उनकी जेल की सज़ा को पांच अगस्त तक के लिए निलंबित कर दी है ताकि वे अपनी सज़ा के खिलाफ अपील कर सकें और 10 हजार रुपये का मुचलका तथा 10 हजार रुपये की ज़मानत राशि प्रस्तुत करें।

अदालत ने हाल में दिए अपने आदेश में कहा कि बिजली चोरी अब कैंसर की तरह फैल गई है और बिजली की सामूहिक चोरी भयावह स्थिति में पहुंच गई है। बिजली चोरी की वजह से 12 प्रतिशत का वितरण में नुकसान होता है और अगर इसे राजस्व में तब्दील किया जाए तो यह करोड़ों रुपये हो जाता है।

अदालत ने दोनों दोषियों को 13 लाख रुपये से ज्यादा ‘सिविल लाइबिलिटी’ के तौर पर देने को निर्देश दिया। शिकायत के मुताबिक, 23 अक्टूबर 2017 को पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके के डीएसआईडीसी पार्क में बीएसईएस यमुना पॉवर लिमिटिड के अधिकारियों ने निरीक्षण किया।

वहां पर हफीज़ और राकेश कुंडा लगाकर बिजली चोरी करते हुए पाए गए। वहां 12 ई-रिक्शा चार्ज की जा रही थी। शिकायत में कहा गया है कि वहां पर अवैध बिजली का इस्तेमाल घरेलू इस्तेमाल के लिए नहीं हो रहा था और वहां पर कोई मीटर भी नहीं लगा हुआ था। 

Web Title: The court blamed the two for the theft of electricity, said, - Cancer has spread like this, fined 20-20 lakhs

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