अदालत ने माता पिता को परेशान करने वाले बेटे और उसकी पत्नी को फ्लैट खाली करने के लिये कहा

By भाषा | Updated: September 17, 2021 15:34 IST2021-09-17T15:34:26+5:302021-09-17T15:34:26+5:30

The court asked the son and his wife to vacate the flat who harassed the parents | अदालत ने माता पिता को परेशान करने वाले बेटे और उसकी पत्नी को फ्लैट खाली करने के लिये कहा

अदालत ने माता पिता को परेशान करने वाले बेटे और उसकी पत्नी को फ्लैट खाली करने के लिये कहा

मुंबई , 17 सितंबर बम्बई उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति और उसकी पत्नी को अपने बुजुर्ग माता पिता का घर एक महीने के भीतर खाली करने आदेश दिया है। यह व्यक्ति बुजुर्ग को परेशान करता था और उसने घर खाली करने से इंकार कर दिया था ।

न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की एकल पीठ ने इस सप्ताह के शुरू में यह फैसला दिया है । अदालत ने आशीष दलाल नामक व्यक्ति और उसके परिवार को अपने बुजुर्ग माता पिता का फ्लैट खाली करने का आदेश दिया है ।

अदालत ने यह पाया कि 90 वर्षीय पिता और 89 साल की मां का इकलौता पुत्र और उसकी पत्नी उन्हें परेशान कर रहे हैं। इस फ्लैट का स्वामित्व बुजुर्ग दंपती के पास है ।

दलाल को फ्लैट खाली करने का निर्देश देते हुए उच्च न्यायालय ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि माता-पिता को अपने अधिकारों को सुरक्षित करने और अपने ही बेटों द्वारा किए गए उत्पीड़न से खुद को बचाने के लिए अदालतों का दरवाजा खटखटाना पड़ता है।

अदालत ने कहा कि यह एक ऐसा मामला है, जहां बुजुर्ग माता पिता अपने इकलौते बेटे के हाथों ही पीड़ित हैं और ऐसा लगता है कि इस कहावत में कुछ न कुछ सच्चाई है कि ‘बेटियां सदा के लिये है’ और बेटे तभी तक बेटा है जब तक उसकी शादी नहीं हो जाती ।

पीठ ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक अधिनियम में यह प्रावधान अनिवार्य किया गया है कि वरिष्ठ नागरिकों की संतानें अथवा रिश्तेदार यह सुनिश्चित करें कि बुजुर्ग उत्पीड़न और परेशानी मुक्त होकर सामान्य जीवन व्यतीत करें ।

अदालत ने यह भी कहा कि मौजूदा मामला बेहद दुखद है, जहां व्यक्ति जानबूझ कर अपने माता पिता को वृद्धावस्था में सामान्य जीवन जीने से रोक रहा है ।

अदालत दलाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसने वरिष्ठ नागिरक अधिकरण के फैसले को चुनौती दी थी। इस अधिकरण्ण ने दलाल और उसकी पत्नी को फ्लैट खाली करने का आदेश दिया था ।

मामले की सुनवाई के अदालत ने पाया कि दलाल के पास नवी मुंबई एवं दहिसर इलाके में तीन आवासीय परिसर है, फिर भी वह माता पिता के साथ रहने पर जोर दे रहा है।

पीठ ने दलाल की याचिका खारिज करते हुए उसे 30 दिन के भीतर फ्लैट खाली करने का आदेश दिया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: The court asked the son and his wife to vacate the flat who harassed the parents

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे