मामलों की ऑनलाइन सुनवाई के दौर में पारगमन जमानत की अवधारणा अब प्रासंगिक नहीं : अदालत

By भाषा | Published: July 28, 2021 09:24 PM2021-07-28T21:24:44+5:302021-07-28T21:24:44+5:30

The concept of transit bail is no longer relevant in the era of online hearing of cases: Court | मामलों की ऑनलाइन सुनवाई के दौर में पारगमन जमानत की अवधारणा अब प्रासंगिक नहीं : अदालत

मामलों की ऑनलाइन सुनवाई के दौर में पारगमन जमानत की अवधारणा अब प्रासंगिक नहीं : अदालत

अहमदाबाद, 28 जुलाई गुजरात उच्च न्यायालय ने कथित इसरो जासूसी मामले के सिलसिले में सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक आर बी श्रीकुमार के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में उन्हें गिरफ्तारी से मिले संरक्षण को बुधवार को एक दिन के लिये बढ़ा दिया और कहा कि ऑनलाइन सुनवाई के दौर में उनके द्वारा मांगी गई “पारगमन जमानत” की अवधारणा प्रासंगिक नहीं लगती।

अदालत ने कहा कि वह पारगमन (ट्रांजिट) जमानत याचिका पर बृहस्पतिवार को अपना फैसला सुनाएगा।

गुजरात काडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी श्रीकुमार को 1994 के जासूसी मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी में 17 अन्य सेवानिवृत्त कानून लागू करने वाले अधिकारियों के साथ आरोपी बनाया गया था, जिसमें इसरो के पूर्व वैज्ञानिक एस नंबी नारायणन को कथित रूप से फंसाया गया था।

उन्होंने गुजरात उच्च न्यायालय में पारगमन याचिका दायर की थी, जिससे वह केरल उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर कर सकें।

मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति विपुल पंचोली ने गिरफ्तारी से श्रीकुमार को दिए गए संरक्षण को बृहस्पतिवार तक बढ़ाते हुए कहा, “कल भी कर्नाटक के बेंगलुरु के लिये एक पारगमन जमानत के लिये आवेदन आया था…अब जब ऑनलाइन याचिकाएं दायर हो रही हैं, ऑनलाइन सुनवाई हो रही है तब पारगमन जमानत याचिका की परिकल्पना अब नहीं रहती है।”

न्यायमूर्ति पंचोली ने कहा, “उन्होंने इस अदालत द्वारा 1992 में पारित किया गया आदेश रिकॉर्ड में पेश किया है। उस समय, लोगों को अपने खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो जाने के बाद एक वकील की तलाश के लिये दूसरे राज्य जाना पड़ता था। अब, वकील यहां बैठकर भी दलील (ऑनलाइन) दे सकते हैं…लोग यहां बैठकर लंदन में भी जिरह कर रहे हैं…अब यह संभव है। संक्षेप में कहें तो उन्हें केरल में सशरीर पेश होने की जरूरत नहीं है। वह गुजरात, दिल्ली, मुंबई, केरल का एक वकील कर सकते हैं…एक याचिका ऑनलाइन दायर की जा सकती है।

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Web Title: The concept of transit bail is no longer relevant in the era of online hearing of cases: Court

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