जाने-माने उद्योगपति अशोक मित्तल के आलीशान रिसॉर्ट पर आज चलेगा प्रशासन का बुलडोजर, हो जाएगा जमींदोज!
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 8, 2019 09:49 AM2019-11-08T09:49:30+5:302019-11-08T09:49:30+5:30
अलीबाग के तहसीलदार सचिन शेजाल ने कहा कि लोकनिर्माण विभाग ने समय पर मशीनें उपलब्ध कराई होती तो गुरु वार को ही कार्रवाई का इरादा किया गया था.
आविष्कार देसाई (अलीबाग)
प्रसिद्ध उद्योगपति अशोक मित्तल के अलीबाग तहसील के कोलगांव स्थित आलीशान हॉलिडे रिसॉर्ट पर रायगढ़ जिला प्रशासन का बुलडोजर चलेगा. सीआरजेड का उल्लंघन कर अनधिकृत रूप से किए गए अतिरिक्त निर्माण कार्य पर शुक्रवार 8 नवंबर से कार्रवाई शुरू की जाएगी. अलीबाग के तहसीलदार सचिन शेजाल ने कहा कि लोकनिर्माण विभाग ने समय पर मशीनें उपलब्ध कराई होती तो गुरु वार को ही कार्रवाई का इरादा किया गया था.
मुंबई उच्च न्यायालय ने 1 नवंबर 2018 को मित्तल का अनधिकृत अतिरिक्त निर्माण कार्य ढहाने का आदेश दिया था. उसके बाद जिलाधिकारी डॉ. विजय सूर्यवंशी ने अशोक मित्तल को नोटिस जारी किया था कि 21 अप्रैल 2019 के पूर्व अनधिकृत निर्माण कार्य स्वयं हटा लें अन्यथा प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाएगी. मित्तल ने स्वयं हटाने की शुरुआत की थी, लेकिन पूरा नहीं हटाया था. अब प्रशासन द्वारा दी गई अवधि समाप्त हो गई है इसलिए जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू करने का निर्णय लिया है.
बॉम्बे इंवायरमेंट एक्शन ग्रुप सहित अन्य कुछ लोगों ने अशोक मित्तल के अनधिकृत निर्माण कार्य को लेकर उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल की थी. इस पर मुंबई उच्च न्यायालय ने अशोक मित्तल द्वारा किए गए अनधिकृत निर्माण कार्य को ढहाने का आदेश जिला प्रशासन को दिया है. अशोक मित्तल ने अलीबाग तहसील के कोलगांव में 8 फरवरी 1999 में पूर्व के मालिक से पांच एकड़ जमीन खरीदी थी. पहले के मालिक ने मित्तल को जमीन बेचने के पूर्व इस पांच एकड़ जगह पर 514 वर्ग मीटर निर्माण कार्य, एक पांनी की टंकी, पांच मीटर से कम ऊंची दीवार बनाने की अनुमति रायगढ़ जिलाधिकारी से 4 दिसंबर 1998 में ली थी. उसके बाद उस मालिक ने यह जगह अशोक मित्तल को बेच दी. लेकिन, अशोक मित्तल ने जिलाधिकारी द्वारा पहले के मालिक को दी गई निर्माण कार्य की अनुमति के आधार पर ही 1407 वर्ग मीटर क्षेत्र में अनधिकृत निर्माण कार्य किया और इसके लिए जिलाधिकारी से कोई अनुमति नहीं ली.
इस अनधिकृत अतिरिक्त निर्माण कार्य की अनुमति के लिए मित्तल ने जिलाधिकारी व कोंकण आयुक्त के पास आवेदन किया था. लेकिन जिलाधिकारी, कोंकण आयुक्त ने उसको खारिज कर दिया था. उच्च न्यायालय ने अनधिकृत अतिरिक्त निर्माण कार्य ढहाने का आदेश जिला प्रशासन को दिया था. कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ मित्तल की पत्नी निरुपम अशोक मित्तल ने उच्चतम न्यायालय में अपील की थी. लेकिन उच्चतम न्यायालय ने मित्तल की अपील खारिज कर दी थी. प्रशासन को अधिकृत निर्माण कार्य बरकरार रखते हुए अनधिकृत निर्माण कार्य पर जेसीबी चलानी है. इसलिए कौन का निर्माण कार्य बरकरार रखा जाए. यह एक समस्या प्रशासन के समक्ष है.
उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन पहले ही अलीबाग तहसील की किहीम में स्थित डायमंड किंग नीरव मोदी, धोकवडे में कुंदनमल तथा मांडवा में स्थित कोठारी जैसे बड़े उद्योगपतियों के अनधिकृत बंगलों को ढहा चुका है. अन्य 580 लोगों को नोटिस जारी किया है.