असम सरकार ने मुस्लिमों में जनसंख्या नियंत्रण के मद्दे पर चर्चा को टालने की विपक्ष की मांग मानी
By भाषा | Updated: August 13, 2021 19:26 IST2021-08-13T19:26:30+5:302021-08-13T19:26:30+5:30

असम सरकार ने मुस्लिमों में जनसंख्या नियंत्रण के मद्दे पर चर्चा को टालने की विपक्ष की मांग मानी
गुवाहाटी, 13 अगस्त असम सरकार ने शुक्रवार को विपक्षी कांग्रेस की उस मांग को स्वीकार कर लिया जिसमें उसने मुस्लिम समुदाय में जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर चर्चा को टालने को कहा था। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी ने चर्चा की अनुमति दे दी थी।
कांग्रेस मांग स्वीकार नहीं किए जाने पर सदन से बर्हिगमन करने ही जा रही थी तभी संसदीय कार्यमंत्री पीयूष हजारिका ने कहा कि सरकार चर्चा को टालने की इच्छुक है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार विधानसभा के बजट सत्र का आखिरी दिन था।
विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्री के बयान के बाद सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई तो दैमारी ने कहा,‘‘मैं यहां मध्यस्थ हूं। अगर दोनों पक्ष (सत्ता और विपक्ष) सर्वसम्मति से फैसले पर पहुंचे हैं, तो मैं खुश हूं...अध्यक्ष को कुछ विशेष अधिकार होते हैं लेकिन जिसमें सदन सहज हो वह किया जाना चाहिए।’’
इससे पहले जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस विधायक शरमन अली अहमद द्वारा 10 अगस्त को पेश विशेष निजी प्रस्ताव पर पहले चर्चा होगी और चर्चा के बाद मुख्यमंत्री सरकार की ओर से जवाब देंगे।
अहमद ने अपने विशेष प्रस्ताव में कहा कि असम के मुस्लिम बहुल इलाकों खासतौर पर नदी घाटी में रह रही आबादी में जन्मदर कम हो जाएगी अगर वहां शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा का प्रसार किया जाए और संचार के साधन बढ़ाए जाए।
इसपर विपक्ष के उपनेता व कांग्रेस विधायक रकीबुल हुसैन और एआईयूडीएफ विधायक अमिनुल इस्लाम ने रेखांकित किया कि जब सरकार का कार्य सूचीबद्ध हो, तब सदस्य द्वारा पेश निजी प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकती है। हुसैन ने प्रस्ताव किया कि इस मुद्दे पर किसी अन्य सत्र में चर्चा हो सकती है क्योंकि अहमद ने ऐसा ही मुद्दा इस सत्र में उठाया था।
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