थल सेना ने अरूणाचल प्रदेश सेक्टर में गोले बरसाने की अपनी ताकत बढ़ाई

By भाषा | Updated: October 20, 2021 21:42 IST2021-10-20T21:42:13+5:302021-10-20T21:42:13+5:30

The Army increased its strength to fire shells in the Arunachal Pradesh sector | थल सेना ने अरूणाचल प्रदेश सेक्टर में गोले बरसाने की अपनी ताकत बढ़ाई

थल सेना ने अरूणाचल प्रदेश सेक्टर में गोले बरसाने की अपनी ताकत बढ़ाई

(मानस प्रतीम भुयां)

तवांग (अरूणाचल प्रदेश), 20 अक्टूबर भारतीय थल सेना ने अरूणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर ऊंचे पर्वतों पर अच्छी खासी संख्या में उन्नत एल-70 विमान रोधी तोपें तैनात की हैं। वहां सेना की एम-777 होवित्जर और स्वीडिश बोफोर्स तोपें पहले से तैनात हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि एम-77 अत्यधिक हल्के होवित्जर तोप तैनात किये जाने के कुछ महीनों बाद यह तैनाती की गई है, जिसका लक्ष्य पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद चीन के आक्रामक रुख का सामना करने के लिए गोले बरसाने की संपूर्ण शक्ति में इजाफा करना है।

अधिकारियों ने बताया कि उन्नत एल-70 तोपें किसी भी अकस्मात स्थिति से निपटने के लिए सेना के अभियानगत तैयारियों को मजबूत करने के वास्ते उठाये गये कदमों की श्रृंखला के तहत करीब दो महीने पहले तैनात की गई थी।

सेना ने वहां अच्छी खासी संख्या में एम-777 होवित्जर तोपें तैनात कर रखी हैं, जो गोलाबारी करने की उसकी शक्ति की रीढ़ की हड्डी है।

किसी भी अकस्मात स्थिति से निपटने की तैयारियों के तहत, थल सेना की ईकाइयां प्रतिदिन आधार पर सैन्य अभ्यास कर रही है। इसमें समन्वित रक्षा स्थानिकता भी शामिल है, जो कि पैदल सेना, वायु रक्षा और तोपखाना सहित सेना की विभिन्न शाखाएं शामिल हैं।

सैन्य अधिकारियों ने कहा कि उन्नत एल 70 तोप समूचे एलएसी पर अन्य कई प्रमुख संवेदनशील मोर्चें के अतिरिक्त अरूणाचल प्रदेश में कई प्रमुख स्थानों पर करीब दो-तीन महीने पहले तैनात की गई थी और उनकी तैनाती से सेना के गोले बरसाने की क्षमता काफी बढ़ी है।

आर्मी एयर डिफेंस की कैप्टन एस अब्बासी ने कहा, ‘‘ये तोपें सभी मानवरहित वायु यान, मानवरहित लड़ाकू यान, हमलावर हलीकॉप्टर और आधुनिक विमान को गिरा सकती हैं। ये तोपें सभी मौसम में काम कर सकती हैं। इनमें दिन-रात काम करने वाले टीवी कैमरे, एक थर्मल इमेजिंग कैमरा और एक लेजर रेंज फाइंडर भी लगे हुए हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘तोप के गोला दागने की सटीकता बढ़ाने के लिए एक मजल वेलोसिटी रेडार भी लगाया गया है। ’’

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि उन्नत तोप प्रणाली, जो एक उच्च तकनीक वाली इजराइली रेडार के साथ संचालित होती है, को इस श्रेणी में उपलब्ध वायु रक्षा तोपों में सर्वश्रेष्ठ गिना जा सकता है।

सेना ने पिछले कुछ महीनों में बड़ी संख्या में एम-777 अत्यधिक हल्के होवित्जर तोपें तैनात की हैं। इसकी अधिकतम रेंज 30 किमी है।

एक अधिकारी ने बताया कि उन्नत एल70 वायु रक्षा तोपों को मौजूदा बोफोर्स तोपों और हाल में शामिल एम-777 होवित्जर के साथ तैनात किये जाने से सेना की संपूर्ण अभियान क्षमता बढ़ी है।

एल70 तोपों को मूल रूप से स्वीडिश रक्षा कंपनी बोफोर्स एबी ने 1950 के दशक में निर्मित किया था और भारत ने 1960 के दशक से शामिल करना शुरू किया।

इस तोप को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने उन्नत किया है।

उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख में तनाव बढ़ने के बाद सेना ने चीन से लगे पूर्वी क्षेत्र में अपनी अभियानगत क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाये हैं।

अधिकारियों ने बताया कि लड़ाकू क्षमता को बढ़ाना एक शाश्वत प्रक्रिया है और यह अभियानगत जरूरतों के अनुरूप तथा संपूर्ण सुरक्षा स्थिति के अनुसार की जाएगी।

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Web Title: The Army increased its strength to fire shells in the Arunachal Pradesh sector

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