"राज्य और केंद्र को सबसे ज्यादा GST देने वाला ऑटोमोबाइल क्षेत्र, 4.5 करोड़ लोगों को दिया रोजगार", केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में कहा
By आकाश चौरसिया | Published: December 6, 2023 03:35 PM2023-12-06T15:35:15+5:302023-12-06T16:15:14+5:30
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हर साल निर्यात के रुप में 85 फीसदी फ्यूल विदेशों से लेना पड़ता है, जिसकी कुल कीमत 16 लाख करोड़ रुपये हैं। उन्होंने कहा अभी सरकार के लिए आर्थिक और प्रदूषण स्तर पर यह काफी गंभीर समस्या बनी हुई है।
नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद और केंद्रीय सड़क, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने प्रदूषण के मुद्दे को रेखांकित करते हुए संसद में कहा कि भारत में हर साल कार्बन उत्सर्जन में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने इसकी मात्रा 330 मैट्रिक टन बताई है। मंत्री ने कहा कि इसे कम करने के लिए हाइड्रोकार्बन और इलेक्ट्रिक द्वारा चलित वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हर साल निर्यात के रुप में 85 फीसदी फ्यूल विदेशों से लेना पड़ता है, जिसकी कुल कीमत 16 लाख करोड़ रुपये हैं। उन्होंने कहा अभी सरकार के लिए आर्थिक और प्रदूषण स्तर पर यह काफी गंभीर समस्या बनी हुई है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कार्बन डाइऑक्साइड में लगातार हो रही बढ़ोतरी बेहद चिंता का विषय है। यह बढ़ोतरी ट्रांसपोर्ट क्षेत्र से ज्यादा हो रही है। यह आंकड़ें खतरनाक है, क्योंकि अभी भी भारत को अपनी जरुरत पूरी करने के लिए विदेशों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। इसमें सबसे बड़े क्षेत्र पेट्रोल और डीजल के है, जिनसे कार्बन उत्सर्जन सबसे ज्यादा हो रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पहले भारत ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में 5 वें स्थान पर था, लेकिन आज अमेरिका और चीन के बाद भारत का तीसरा स्थान है। इस मामले में भारत ने जापान को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने बताया कि कुल वाहनों का हिस्सा 9.91 प्रतिशत है, कारों और चार पहिया वाहनों का हिस्सा 20 प्रतिशत है। भारत सरकार और राज्य सरकार को इस क्षेत्र ने सबसे जीएसटी दिया है, इसके जरिए 4.5 करोड़ लोगों को रोजगार भी मिला है।
Nitin Gadkari addresses Rajya Sabha on pervasive vehicle pollution: Unveils strategic roadmap towards green mobility
— ANI Digital (@ani_digital) December 6, 2023
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इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि इसे देखते हुए भारत सरकार डीजल और पेट्रोल के विकल्प को ध्यान में रखते हुए फ्यूल और बायोफ्यूल का रास्ता अपना सकती है। उन्होंने बताया कि जी-20 आयोजन के दौरान भारत सरकार ने वैश्विक रुप से बायोफ्यूल के लिए प्रयास किये हैं। सरकार का मकसद भी है कि साल 2070 तक कार्बन उत्सर्जन 0 हो जाए।