बांग्लादेश की आजादी के लिए 1971 के युद्ध से शक्ति संतुलन भारत के पक्ष में हुआ : शिवशंकर मेनन

By भाषा | Published: October 24, 2021 09:36 PM2021-10-24T21:36:45+5:302021-10-24T21:36:45+5:30

The 1971 war for Bangladesh's independence has shifted the balance of power in favor of India: Shivshankar Menon | बांग्लादेश की आजादी के लिए 1971 के युद्ध से शक्ति संतुलन भारत के पक्ष में हुआ : शिवशंकर मेनन

बांग्लादेश की आजादी के लिए 1971 के युद्ध से शक्ति संतुलन भारत के पक्ष में हुआ : शिवशंकर मेनन

बेंगलुरु, 24 अक्टूबर पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने रविवार को कहा कि वर्ष 1971 के युद्ध ने उपमहाद्वीप में शक्ति संतुलन भारत के पक्ष में कर दिया क्योंकि इसने पाकिस्तान की दो मोर्चो पर खतरा उत्पन्न करने की क्षमता खत्म कर दी।

उस युद्ध के बाद ही बांग्लादेश का जन्म हुआ। उन्होंने कहा कि आज बांग्लादेश ‘सफल कहानी’ के तौर पर सामने है जो प्रति व्यक्ति आय और मानव विकास संकेतक के मामले में भारत और पाकिस्तान से भी आगे निकल गया है।

वर्ष 1971 के युद्ध में भारत की जीत के 50 साल पूरा होने पर यहां आयोजित ‘स्वर्णिम विजय वर्ष संगोष्ठी’ में मेनन ने कहा,‘‘ भारतीय उपमहाद्वीप में पाकिस्तान की दो मोर्चो पर खतरा उत्पन्न करने की क्षमता खत्म होते ही शक्ति संतुलन भारत के पक्ष में झुक गया और हार के सालों बाद भी पाकिस्तान के पास पारंपरिक युद्ध छेड़ने का विश्वास नहीं रहा।’’

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की भूमिका निभा चुके पूर्व राजनयिक मेनन ने कहा कि इस युद्ध से करीब तीन दशक तक भारत और पाकिस्तान के बीच शांति बनी रही, यह शांति तब तक बनी रही जब तक पाकिस्तान ने यह नहीं सोचा कि परमाणु हथियार से संतुलन को बदला जा सकता है और करिगल समस्या पैदा करने की कोशिश की, हालांकि वह फिर से असफल रहा।

मेनन के मुताबिक इस युद्ध ने पाकिस्तान को सबक दी कि वह पारंपरिक युद्ध में या चीन व अमेरिका की शह पर भारत से नहीं जीत सकता। उन्होंने कहा कि इसका नतीजा रहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद और जिहादी तंजीमों के जरिये गैर पारंपरिक हिंसा को नीति के तौर पर अंगीकार किया।

पूर्व राजनयिक ने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने इसे राज्य की नियमित नीति बना दिया, खासातौर पर 1980 के दशक में अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ जिहाद में इसका प्रयोग करने के बाद...।’’

उन्होंने कहा कि युद्ध का सकारात्मक प्रभाव निश्चित तौर पर बांग्लादेशी राजनीतिक असर से अधिक था। मेनन के मुताबिक आज भारत और बांग्लादेश के मधुर संबंध हैं तथा वे एक-दूसरे की सुरक्षा और समृद्धि में वास्तविक और प्रभावी तरीके से योगदान दे रहे हैं।

भारत-पाकिस्तान युद्ध पर बोलते हुए पूर्व राजनयिक ने कहा कि 1971 के युद्ध ने इस उपमहाद्वीप की भू-राजनीति बदल दी।

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