गुजरात के 13वें मुख्यमंत्री पारिख नहीं रहे, पीएम मोदी ने कहा-  दिलीप भाई ने लोकसेवा की दुनिया में छाप छोड़ी, ओम शांति!

By भाषा | Published: October 25, 2019 05:32 PM2019-10-25T17:32:44+5:302019-10-25T17:32:44+5:30

पारिख अक्टूबर 1997 और मार्च 1998 के बीच राज्य के 13वें मुख्यमंत्री रहे। उस वक्त वह शंकरसिंह वाघेला द्वारा गठित राष्ट्रीय जनता पार्टी (आरजेपी) के साथ थे, जो भाजपा से अलग हो कर बनाई गई थी। पारिख की सरकार को कांग्रेस का समर्थन प्राप्त था।

The 13th Chief Minister of Gujarat is no longer Parikh, PM Modi said- Dilip Bhai made a mark in the world of public service, Om Shanti! | गुजरात के 13वें मुख्यमंत्री पारिख नहीं रहे, पीएम मोदी ने कहा-  दिलीप भाई ने लोकसेवा की दुनिया में छाप छोड़ी, ओम शांति!

वह एक उद्योगपति थे और गुजरात चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

Highlightsउनके परिजन ने यह जानकारी दी। वह 82 वर्ष थे। पारिख ने 1990 के दशक के मध्य में बतौर भाजपा विधायक अपने राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत की थी।

गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री दिलीप पारिख का लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार को यहां के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। उनके परिजन ने यह जानकारी दी। वह 82 वर्ष थे।

पारिख अक्टूबर 1997 और मार्च 1998 के बीच राज्य के 13वें मुख्यमंत्री रहे। उस वक्त वह शंकरसिंह वाघेला द्वारा गठित राष्ट्रीय जनता पार्टी (आरजेपी) के साथ थे, जो भाजपा से अलग हो कर बनाई गई थी। पारिख की सरकार को कांग्रेस का समर्थन प्राप्त था।

पारिख ने 1990 के दशक के मध्य में बतौर भाजपा विधायक अपने राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत की थी। वह एक उद्योगपति थे और गुजरात चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पारिख के निधन पर शोक जताया है और कहा कि उन्होंने पूरे समर्पण के साथ गुजरात की जनता के लिये काम किया।

मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘दिलीप भाई पारिख ने उद्योग एवं लोकसेवा की दुनिया में छाप छोड़ी। उन्होंने पूरे समर्पण के साथ गुजरात की जनता के लिये काम किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अपने मिलनसार स्वभाव के कारण उन्होंने हर तबके के लोगों के दिलों में जगह बनायी। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार एवं प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति!’’

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने भी ट्वीट कर दिवंगत मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि दी। रुपाणी ने कहा, ‘‘गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिलीप पारिख जी के निधन से दुखी हूं। मैं दिवंगत आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना करता हूं। उनके परिवार एवं मित्रों के प्रति मैं गहरी संवेदनाएं प्रकट करता हूं।’’

वाघेला 1996 में विद्रोह कर भाजपा से अलग हो गये थे और पारिख ने क्षत्रीय नेता से हाथ मिला लिया तथा उनकी पार्टी आरजेपी में शामिल हो गये। इसके बाद वाघेला कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बने। एक साल बाद जब मतभेदों के कारण कांग्रेस ने समर्थन वापस लेने की धमकी दी तब वाघेला पीछे हट गये।

समझौते के फॉर्मूले के तहत वाघेला के विश्वस्त पारिख ने अक्टूबर 1997 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और मार्च 1998 तक वह मुख्यमंत्री पद पर रहे। इसके बाद भाजपा विधानसभा चुनाव जीत कर वापस सत्ता में आयी। 

Web Title: The 13th Chief Minister of Gujarat is no longer Parikh, PM Modi said- Dilip Bhai made a mark in the world of public service, Om Shanti!

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