किंग बनी ठाकरे फैमिलीः उद्धव कैबिनेट में आदित्य ठाकरे भी शामिल, महाराष्ट्र में पहली बार हुआ ऐसा संयोग
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 30, 2019 03:30 PM2019-12-30T15:30:32+5:302019-12-30T15:30:32+5:30
आदित्य सरकार ने परिवार की परंपरा को तोड़ते हुए पहली बार चुनावी राजनीतिक में हिस्सा लिया था और वर्ली विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी। आपको बता दें कि शिवसेना का गठन बाल ठाकरे ने 1966 में किया था।
महाराष्ट्र की सियासत में ऐसा पहली बार हो रहा है कि मुख्यमंत्री पिता की कैबिनेट में पुत्र की भी शामिल हो। सोमवार को हुए उद्धव सरकार के कैबिनेट विस्तार में 29 वर्षीय आदित्य ठाकरे ने भी शपथ ग्रहण की। 53 साल बाद किंगमेकर से किंग की भूमिका में आई शिवसेना ने ये डबल धमाका किया है। आदित्य सरकार ने परिवार की परंपरा को तोड़ते हुए पहली बार चुनावी राजनीतिक में हिस्सा लिया था और वर्ली विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी। आपको बता दें कि शिवसेना का गठन बाल ठाकरे ने 1966 में किया था।
महाराष्ट्र में भले ही ऐसा पहली बार हो रहा हो कि पिता सीएम और बेटा कैबिनेट मंत्री बने। लेकिन देश के अन्य कई राज्यों में ऐसा संयोग बन चुका है। इसमें तमिलनाडु, पंजाब और तेलंगाना शामिल हैं।
- तमिलनाडु ने 2006 में डीएमके की सरकार बनी थी। सत्ता की कमान करुणानिधि ने संभाली और अपने छोटे बेटे एमके स्टालिन को कैबिनेट में जगह दी।
- तेलंगाना में 2014 में टीआरएस की सरकार बनी और सीएम बने केसीआर ने अपने बेटे केटीआर को कैबिनेट में जगह दी।
- 2012 में अकाली दल की सरकार बनी तो प्रकाश सिंह बादल एक बार फिर सीएम बने और उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल डिप्टी सीएम बने।
आदित्य ने तोड़ी ठाकरे परिवार की परंपरा
आदित्य ठाकरे ने साल 2010 में शिवसेना ज्वॉइन की थी। 2018 में उन्हें शिवसेना नेता के तौर पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया गया। उन्होंने साल 2019 में चुनावी राजनीति में पदार्पण किया। ऐसा पहला मौका था जब ठाकरे परिवार के किसी सदस्य ने चुनाव लड़ा। आदित्य ने जीत दर्ज की और उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया। एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाया गया है।