भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर तनाव गहराया, सिक्किम और लद्दाख में बढ़ाई सैन्य ताकत

By आदित्य द्विवेदी | Updated: May 20, 2020 09:22 IST2020-05-20T09:19:40+5:302020-05-20T09:22:44+5:30

भारत और चीन दोनों ने डेमचक, दौलत बेग ओल्डी, गलवान नदी तथा लद्दाख में पैंगोंग सो झील के पास संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है।

Tension on border between India and China deepens, increased military strength in Sikkim and Ladakh | भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर तनाव गहराया, सिक्किम और लद्दाख में बढ़ाई सैन्य ताकत

भारत और चीन की सेना के बीच बॉर्डर पर तनाव है

Highlightsक्साई चिन में स्थिति गलवान घाटी को लेकर दोनों देशों के बीच इस तनाव की शुरुआत हुई थी.दोनों सेनाओं के बीच तनाव पर न तो सेना, न ही विदेश मंत्रालय ने कोई टिप्पणी की है। 

भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव बढ़ता जा रहा है।  वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देश अपने सैनिकों की मौजूदगी बढ़ा रहे हैं। पिछले दिनों उत्तर सिक्किम और लद्दाख के पास दोनों देश के सैनिकों के बीच झड़क हो चुकी है जिसमें कई लोग घायल भी हुए थे। इसके बाद लद्दाख में एलएसी के पास चीनी सेना के हेलीकॉप्टर देखे गए थे। भारतीय वायुसेना ने भी सुखोई समेत कई लड़ाकू विमान तैनात कर दिए थे।

आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि भारत और चीन दोनों ने डेमचक, दौलत बेग ओल्डी, गलवान नदी तथा लद्दाख में पैंगोंग सो झील के पास संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है। अक्साई चिन में स्थिति गलवान घाटी को लेकर दोनों देशों के बीच इस तनाव की शुरुआत हुई थी। इलाके दोनों पक्षों के बीच छह दशक से अधिक समय से संघर्ष का कारण बने हुए हैं।

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने चीनी सेना के हवाले से कहा, “भारत ने इस इलाक़े में रक्षा संबंधी ग़ैर-कानूनी निर्माण किए हैं। इसकी वजह से चीन को वहां सैन्य तैनाती बढ़ानी पड़ी है। भारत ने इस तनाव की शुरुआत की है। लेकिन, हमें यक़ीन है कि यहां डोकलाम जैसे हालात नहीं बनेंगे जैसा साल 2017 में हुआ था। भारत कोविड-19 की वजह से आर्थिक परेशानियों से जूझ रहा है और जनता का ध्यान हटाने के लिए उसने गलवान में तनाव पैदा किया।”

सोमवार को वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने भी चीन का ज़िक्र किया था। उन्होंने कहा, “वहां कुछ असामान्य गतिविधियां देखी गई थीं। ऐसी घटनाओं पर हम करीब से नजर रखते हैं और ज़रूरी कार्रवाई भी करते हैं। ऐसे मामलों में ज्यादा चिंता की ज़रूरत नहीं।”

वहीं, थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने दोनों देशों की सेनाओं के बीच टकराव के बाद पिछले हफ़्ते कहा था कि चीन के साथ लगी सीमा पर भारतीय सैनिक अपनी ‘स्थिति’ पर क़ायम हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास का काम चल रहा है।

आपको बता दें कि पैंगोंग सो लेक इलाके में पांच मई को भारत और चीन के करीब 250 सैनिकों के बीच लोहे की छड़ों, डंडों से लड़ाई हुई और पथराव भी हुआ जिसमें दोनों पक्षों के सैनिक जख्मी हुए थे। एक अन्य घटना में सिक्किम के नाकू ला दर्रा क्षेत्र में नौ मई को भारत और चीन के करीब 150 सैनिक आमने-सामने हो गए। दोनों सेनाओं के बीच तनाव पर न तो सेना, न ही विदेश मंत्रालय ने कोई टिप्पणी की है। 

दूसरी तरफ उत्तराखंड में धारचूला को लिपुलेख दर्रे के साथ जोड़ने वाली सामरिक रूप से महत्वपूर्ण सड़क पर निर्माण को लेकर नेपाल और भारत के बीच बढ़ते सीमा विवाद के बीच दोनों पक्षों के बीच तनातनी की खबर आई है। हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों पड़ोसी ‘‘एकतरफा कार्रवाई’’ करने से बचेंगे और दोस्ताना सलाह-मशविरा से अपने विवादों का उचित समाधान करेंगे।

Web Title: Tension on border between India and China deepens, increased military strength in Sikkim and Ladakh

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे