'अब हम सात साल पहले वाले तेजस्वी नहीं हैं, दो बार डिप्टी सीएम बन गए'- तेजस्वी का भाजपा को चैलेंज
By शिवेंद्र राय | Published: August 11, 2022 07:59 PM2022-08-11T19:59:01+5:302022-08-11T20:06:04+5:30
तेजस्वी यादव अब बिहार के उप-मुख्यमंत्री हैं। सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान भ्रष्टाचार के एक मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर रखा है। इस संबंध में बात करते हुए तेजस्वी ने कहा कि वो जांच एजेंसियों को मेरे घर में ही दफ्तर खोलने का निमंत्रण देते हैं।
पटना: बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां भाजपा की इकाई की तरह काम कर रही हैं। साथ ही तेजस्वी ने कहा कि वह जांच एजेंसियों को न्यौता देते हैं कि आकर मेरे घर में ही अपनी शाखा खोल लें। तेजस्वी यादव ने ये बातें समाचार चैनल एनडीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में कहीं। तेजस्वी से पूछा गया कि क्या उन्हें प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई का डर सता रहा है? इसके जवाब में तेजस्वी ने कहा, "वे आ सकते हैं और हमारे यहां ऑफिस खोल सकते हैं। कृपया आइए और जितने लंबे समय तक रहना चाहते हैं रहिए। उन्हें मेरे घर में ऑफिस खोलने दीजिए। ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स, कृपया आइए और जितने लंबे समय तक रहना चाहते हैं रहिए। दो महीने बाद छापेमारी के लिए क्यों आना चाहते हैं। यहीं रुकिए, यह आसान है।"
बिहार के उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हम वो तेजस्वी यादव नहीं हैं जिसको मूंछ भी नहीं था तब सीबीआई ने केस कर दिया था। इतने दिन हो गए लेकिन उस केस में कुछ नहीं हुआ। अब तो हमारे पास सात साल का अनुभव है। इसमें दो बार नेता विरोधी दल रह लिए, दो बार डिप्टी सीएम बन गए। बता दें कि सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान भ्रष्टाचार के एक मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर रखा है।
बातचीत के दौरान जब तेजस्वी से अचानक हुए बदलाव और नीतीश कुमार के साथ दोबारा गठबंधन के फैसले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "हम देख रहे थे कि नीतीश जी असुविधाजनक स्थिति में हैं। बीजेपी उन पर हावी हो रही थी। यह बदलाव स्वस्फूर्त तरीके से हुआ और कुछ भी पहले से नियोजित योजना के तहत नहीं हुआ।"
फिलहाल बिहार विधानसभा में राजद सबसे बड़ी पार्टी है। लेकिन इसके बावजूद भी मुख्यमंत्री की कुर्सी नीतीश कुमार के पास ही रहेगी। हालांकि भाजपा नेताओं का कहना है कि सत्ता की चाबी लालू यादव और तेजस्वी के हाथ में ही रहेगी। इस मुद्दे पर बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट कर के कहा, "मुख्यमंत्री जी अपने नौजवान डिप्टी को जिस आदर और विनम्रता के साथ उनका हाथ पकड़ कर कुर्सी तक ले जाते दिखे, उससे साफ है कि डी-फैक्टो सीएम कौन है और कौन एहसान तले दबा हुआ । कुर्सी तो वही होती है, लेकिन बैठने वाले का भाग्य अलग-अलग होता है।"
मुख्यमंत्री जी अपने नौजवान डिप्टी को जिस आदर और विनम्रता के साथ उनका हाथ पकड़ कर कुर्सी तक ले जाते दिखे, उससे साफ है कि डी-फैक्टो सीएम कौन है और कौन एहसान तले दबा हुआ ।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) August 11, 2022
कुर्सी तो वही होती है, लेकिन बैठने वाले का भाग्य अलग-अलग होता है।
सुशील मोदी ने इशारों में ही तेजप्रताप यादव का जिक्र किया और कहा, "महागठबंधन -02 में भी ब॒ड़े राजकुमार को छोटी कुर्सी मिलेगी, लेकिन उन्हें उनकी पसंद का स्वास्थ्य विभाग ही मिलना चाहिए। इलाज बेहतर हो या न हो, कम से कम जनता का मनोरंजन होते रहना चाहिए।"
महागठबंधन -02 में भी ब॒ड़े राजकुमार को छोटी कुर्सी मिलेगी, लेकिन उन्हें उनकी पसंद का स्वास्थ्य विभाग ही मिलना चाहिए।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) August 11, 2022
इलाज बेहतर हो या न हो, कम से कम जनता का मनोरंजन होते रहना चाहिए।