लालू-राबड़ी परिवार में नहीं थम रहा है विवाद, तेजप्रताप को मनाने की कोशिशें भी हो रही हैं नाकाम साबित

By एस पी सिन्हा | Updated: April 5, 2019 07:39 IST2019-04-05T07:31:42+5:302019-04-05T07:39:52+5:30

तेजप्रताप ने हाल ही में लालू-राबड़ी मोर्चा बनाकर पांच सीटों से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. तेजप्रताप अपनी मां राबड़ी देवी को सारण से चुनाव लड़ाना चाहते हैं, जिसे लेकर वो जिद पर अड़े हुए हैं.

tej pratap yadav controversy on lalu rabri morcha party against Tejashwi Yadav | लालू-राबड़ी परिवार में नहीं थम रहा है विवाद, तेजप्रताप को मनाने की कोशिशें भी हो रही हैं नाकाम साबित

लालू-राबड़ी परिवार में नहीं थम रहा है विवाद, तेजप्रताप को मनाने की कोशिशें भी हो रही हैं नाकाम साबित

बिहार में लालू परिवार में लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट बंटवारे को लेकर रूठने-मनाने का सिलसिला लगातार जारी है. पार्टी राजद समेत लालू परिवार अपने बेटे के फैसले से हैरान और परेशान हैं, वहीं उनको मनाने की कोशिशें भी नाकाफी साबित हो रही हैं.

उल्लेखनीय है कि तेजप्रताप ने हाल ही में लालू-राबड़ी मोर्चा बनाकर पांच सीटों से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. तेजप्रताप अपनी मां राबड़ी देवी को सारण से चुनाव लडाना चाहते हैं, जिसे लेकर वो जिद पर अडे हुए हैं. तेजप्रताप का परिवार उनको मनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उनके मान-मनौव्वल के बाद भी वह अपने फैसले पर अडिग हैं. 

 ससुर चंद्रिका राय को टिकट दिए जाने से नाराज हैं तेजप्रताप

राजद ने सारण से तेजप्रताप के ससुर चंद्रिका राय को अपना उम्मीदवार बनाया है, लेकिन उनके ही दामाद यानी तेजप्रताप पार्टी के इस फैसले से नाराज हैं. तेजप्रताप का मानना है कि सारण लालू परिवार की पारंपरिक सीट रही है, इसलिए इसी परिवार का ही कोई उम्मीदवार वहां से चुनाव लड़ना चाहिए. तेजप्रताप ने ऐलान कर दिया है कि अगर राबड़ी देवी को सारण से प्रत्याशी नहीं बनाया गया तो वह खुद सारण से चुनाव लड़ेगे. कुल मिलाकर लालू परिवार में टिकट के बंटवारे को लेकर शुरू हुआ अंदरूनी विवाद अब चरम पर पहुंच चुका है.

दो भाईयों के बीच की है तकरार

जानकारों के अनुसार तेज प्रताप यादव परिवार से नाराजगी की मुख्य वजह परिवार के लोगों से ज्यादा अपने दो भाइयों को मानते हैं. हालांकि ये दो उनके सगे भाई न होकर ममेरे भाई हैं, लेकिन लालू परिवार में उनका दखल अच्छा खासा है. शादी के फैसले के बाद अब चुनावी सीट बंटवारे में भी उन्हीं दो भाइयों की दखलअंदाजी चल रही है. यही वजह है कि पत्नी से तलाक का केस चलने के बावजूद तेजप्रताप के ससुर को लोकसभा का टिकट दे दिया गया है. इन्हीं सब के चलते अब वह मन बना चुके हैं कि चुनाव बाद फ्री होते ही मथुरा-वृंदावन में एक संप्रदाय के साथ जुड़कर किसी को अपना गुरु बना लेंगे.

जानकार बताते हैं कि जब वह इस शादी के लिए तैयार नहीं थे तो उनके ममेरे भाई नागमणि और ओमप्रकाश की दखलअंदाजी के चलते उनकी शादी करा दी गई. लालू और राबड़ी की बात को रखने के लिए उन्होंने वह शादी कर ली. हालांकि यह बात भी सच है कि उनकी नाराजगी अपने भाई तेजस्वी से इतनी नहीं है. वह उन्हें आज भी अर्जुन मानते हैं.

Web Title: tej pratap yadav controversy on lalu rabri morcha party against Tejashwi Yadav