झारखंड में दाह संस्कार घाटों और कब्रिस्तान पर ड्यूटी लगाये जाने का शिक्षकों ने विरोध किया

By भाषा | Updated: May 22, 2021 07:56 IST2021-05-22T00:59:05+5:302021-05-22T07:56:51+5:30

आरोप है कि इस तरह की ड्यूटी पर भेजने से उनका शिक्षण कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है क्योंकि विद्यालयों में ऑनलाइन शिक्षण का कार्य जारी है।

Teachers protest against imposition of duty on cremated ghats and cemeteries | झारखंड में दाह संस्कार घाटों और कब्रिस्तान पर ड्यूटी लगाये जाने का शिक्षकों ने विरोध किया

झारखंड में दाह संस्कार घाटों और कब्रिस्तान पर ड्यूटी लगाये जाने का शिक्षकों ने विरोध किया

Highlightsबीडीओ पर शिक्षकों की बिना किसी सुरक्षा के ड्यूटी लगाने का आरोपधनबाद के सरकारी विद्यालयों के प्राथमिक शिक्षकों में नाराज़गीइस तरह की ड्यूटी पर भेजने से उनका शिक्षण कार्य बुरी तरह प्रभावित

धनबाद: झारखंड के धनबाद जिले में निरसा के प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) के एक आदेश से सरकारी प्राथमिक शिक्षक नाराज़ हैं क्योंकि बीडीओ ने कोरोना संक्रमण के इस दौर में इन शिक्षकों की बिना किसी सुरक्षा के दाह संस्कार घाटों और कब्रिस्तान पर ड्यूटी लगा दी है और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोरोना से मरने वाले किसी भी व्यक्ति का शव अंतिम संस्कार स्थल आने पर उसका अंतिम संस्कार सरकारी व्यय पर किया जाये।

निरसा के बीडीओ विकास राय के इस आदेश के बाद धनबाद के सरकारी विद्यालयों के प्राथमिक शिक्षकों में नाराज़गी है और उन्होंने इस आदेश का यह कह कर विरोध किया है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम एवं इस संबन्ध में उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत प्राथमिक शिक्षकों से शिक्षा के अतिरिक्त कोई अन्य कार्य नहीं लिया जा सकता है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि इस तरह की ड्यूटी पर भेजने से उनका शिक्षण कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है क्योंकि विद्यालयों में ऑनलाइन शिक्षण का कार्य जारी है।

इसके अलावा अध्यापकों और उनके संघ के नेताओं ने सरकार पर इस तरह से जीवन को खतरे में डालने वाली ड्यूटी के लिए उनकी सुरक्षा का कोई प्रबन्ध न करने के भी आरोप लगाये हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार को उनसे इस तरह की कोरोना ड्यूटी करानी ही है तो कम से कम उन्हें कोरोना योद्धा का दर्जा देकर उन्हें पचास लाख रुपये के बीमा की सुरक्षा तो दी जाये।

राज्य ‍प्राथमिक अध्यापक संघ के अध्यक्ष ब्रजेन्द्र चौबे ने मांग की है कि राज्य सरकार या तो अध्यापकों को कोरोना ड्यूटी से हटाये या उन्हें अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धा का दर्जा देकर चिकित्सकों की तरह सभी सुरक्षा एवं सुविधाएं उपलब्ध कराये।

झारखंड में कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में धनबाद भी शामिल है जहां कोरोना काल में अब तक लगभग 15 हजार लोग संक्रमित हुए हैं और कोरोना से कुल 356 लोगों की मौत हो चुकी है।

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Web Title: Teachers protest against imposition of duty on cremated ghats and cemeteries

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