अनामिका है बेरोजगार, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार चुका रही है उसको लाखों का वेतन, जानिए क्या है पूरा मामला
By शीलेष शर्मा | Published: June 11, 2020 05:37 PM2020-06-11T17:37:31+5:302020-06-11T17:40:11+5:30
योगी आदित्यनाथ सरकार के स्कूली शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी को आखिर स्वीकार करना पड़ा कि घोटाला चल रहा है। उन्होंने स्वीकारा कि अनामिका शुक्ला के नाम पर फर्ज़ी दस्तावेज़ देकर नियुक्तियां की गयीं हैं.
नई दिल्लीः भाजपा सरकार में मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाला अब तक अख़बारों की सुर्ख़ियों में था लेकिन देश के सबसे बड़े आबादी वाले प्रदेश उत्तर प्रदेश ने शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर घोटालों की दौड़ में मध्य प्रदेश को पीछे छोड़ दिया है। उत्तर प्रदेश में एक अनामिका शुक्ला दसियों जिलों में एक ही समय में बतौर शिक्षका नियुक्त की जाती है और लाखों रुपये वेतन हर महीने अनामिका शुक्ला को भुगतान भी किया जाता है।
हैरत इस बात की है कि गोण्डा की अनामिका शुक्ला बेरोजगार है, उसके पास प्रथम श्रेणी की डिग्रियां हैं लेकिन नौकरी किसी और के पास है जो फर्ज़ी अनामिका शुक्ला बनकर दलालों की मदद से हर माह वेतन उठा रही है, यह खुलासा स्वयं अनामिका शुक्ला ने जब किया तो प्रदेश में हा हाहाकार मच गया।
प्रियंका गांधी ने नियुक्तियों को लेकर खोला मोर्चा
मंत्रियों की कुर्सियां हिलने लगीं, इसकी आंच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक जा पहुंची क्योंकि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने इन नियुक्तियों को लेकर मोर्चा खोल दिया। सोशल मीडिया में सवालों की झड़ी लगा कर प्रदेश सरकार को बोलने पर मज़बूर कर दिया। योगी सरकार के स्कूली शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी को आखिर स्वीकार करना पड़ा कि घोटाला चल रहा है। उन्होंने स्वीकारा कि अनामिका शुक्ला के नाम पर फर्ज़ी दस्तावेज़ देकर वाराणसी,अलीगढ़, कासगंज, अमेठी, रायबरेली, प्रयागराज, सहारनपुर जैसे ज़िलों में अनामिका के नाम पर नियुक्तियां की गयीं हैं।
प्रियंका का दावा, बड़े-बड़े होंगे बेनकाब
प्रियंका का आरोप है कि यह तो घोटाले की बानगी है। इसका पैमाना इतना बड़ा है कि खुल गया तो बड़े बड़े नाम बेनक़ाब हो जायेंगे। प्रियंका ने आज फिर ट्वीट किया " लाखों युवाओं ने परीक्षा दी ,लाखों ने नौकरी की आस लगाई ,लाखों ने साल भर इंतज़ार किया। भाजपा सरकार की नाक तले ये महा घोटाला सिस्टम में बैठे लोगों की सांठ गांठ से होता रहा। साल भर इसे दबाये रखा। दरअसल प्रियंका पूरे मामले की न्यायिक जाँच पर अड़ी हैं ताकि व्यापम घोटाले की तरह यह दवा न दिया जाये.