झारखंड के एक निजी स्कूल में बच्चों को पाकिस्तान का राष्ट्रगान याद करने का दिया जा रहा है होमवर्क, स्थिति तनावपूर्ण
By एस पी सिन्हा | Published: July 12, 2020 05:19 PM2020-07-12T17:19:08+5:302020-07-12T17:19:08+5:30
छात्रों को होमवर्क देने वाली शिक्षिका शैला परवीन ने कहा कि उन्होंने स्कूल प्रबंधन के निर्देश के मुताबिक ही पाकिस्तान और बांग्लादेश का राष्ट्रगान याद करने को कहा था.
रांची,12 जुलाई।झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला में स्थित संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर स्कूल में एलकेजी और यूकेजी के छोटे-छोटे बच्चों को पाकिस्तान और बांग्लादेश का राष्ट्रगान याद करने का टास्क दिये जाने की बात सामने आ रही है.
कोरोना संकट के कारण स्कूल व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये पढाई करा रहा है. इसी ग्रुप में बच्चों को पाकिस्तान-बांग्लादेश के राष्ट्रगान के साथ साथ राष्ट्रीय चिह्न भी याद करने को कहा गया है. ऐसे में स्कूल की इस हरकत के खिलाफ
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरोना के कारण स्कूल बंद है. लिहाजा स्कूल प्रबंधन व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये पढाई करा रहा है. स्कूल ने एलकेजी और यूकेजी के बच्चों को तीन अलग-अलग ग्रुप में बांटकर भारत के साथ ही पाकिस्तान एवं बांग्लादेश के राष्ट्रगान को याद करने का टास्क दिया गया है.
अभिभावकों ने की शिकायत-
अभिभावकों ने बताया कि पिछले 7 और 8 जुलाई को एलकेजी और यूकेजी के बच्चों को पाकिस्तान एवं बांग्लादेश का राष्ट्रगान एवं राष्ट्र चिह्न के बारे में बताया गया. स्कूल की शिक्षिका शैला परवीन ने व्हाट्सएप ग्रुप में मैसेज देकर बच्चों को पाकिस्तान एवं बांग्लादेश का राष्ट्रगान याद करने का टास्क दिया.
उन्होंने बच्चों को तीन अलग-अलग ग्रुप में बांटकर इन देशों के राष्ट्रगान की प्रैक्टिस करने का निर्देश दिया है. एक ग्रुप के बच्चों को भारत का राष्ट्रगान याद करने को दिया गया, जबकि दो अन्य ग्रुप के बच्चों को पाकिस्तान एवं बांग्लादेश के राष्ट्रगान को प्रैक्टिस करने का टास्क मिला है.
इतना ही नहीं टीचर ने ग्रुप में बकायदा पाकिस्तान और बांग्लादेश के राष्ट्रगान को पोस्ट भी किया है. बच्चों को पाकिस्तान-बांग्लादेश का राष्ट्रगान सही से याद हो सके इसके लिए बकायदा यू ट्यूब वीडियो का लिंक भी दिया गया है.
बताया जाता है कि स्कूल में पढ रहे बच्चों के अभिभावकों को जैसे ही इसकी खबर मिली उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया. अभिभावकों ने शिक्षिका के टास्क को देख कर हंगामा खडा कर दिया.
वहीं, बच्चों को आपत्तिजनक टास्क देने वाली शिक्षिका शैला परवीन ने कहा कि उन्होंने स्कूल प्रबंधन के निर्देश के मुताबिक ही पाकिस्तान और बांग्लादेश का राष्ट्रगान याद करने को कहा था. शिक्षिका ने कहा कि स्कूल प्रबंधन के तय सिलेबस के मुताबिक ही बच्चों को टास्क दिया जाता है. स्कूल के प्रिंसिपल ने उन्हें टास्क देने को कहा था तो दे दिया.
स्थानीय लोगों को स्कूल के इस कारनामे की खबर मिली वे आक्रोशित हो उठे
अब प्रिंसिपल ने टास्क को वापस लेने को कहा है इसलिए उसे वापस ले लिया गया है. उधर, स्थानीय लोगों को जैसे ही स्कूल के इस कारनामे की खबर मिली वे आक्रोशित हो उठे. लोगों ने इस मामले को बेहद संवेदनशील मानते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
इस संबंध में पूर्वी सिंहभूम के डीईओ ने कहा कि उन्हें ऐसे किसी मामले की खबर नहीं है. अगर कोई शिकायत मिलेगी तो नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.
डीईओ शिवेंद्र कुमार ने कहा कि किसी स्कूल द्वारा बच्चों को पाकिस्तान या बांग्लादेश का राष्ट्रगान याद करने का टास्क देना गलत है. मामला सामने आने पर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.