तमिलनाडु: चेन्नई रेलवे स्टेशन के नेमबोर्ड पर हिंदी अक्षरों पर पोती कालिख, पुलिस कर रही आरोपी की तलाश
By अंजली चौहान | Published: April 1, 2023 05:02 PM2023-04-01T17:02:30+5:302023-04-01T17:23:53+5:30
अधिकारियों को रेलवे स्टेशन का नेमबोर्ड खराब होने की सूचना मिली थी। अज्ञात लोगों ने नेम बोर्ड पर लिखे अंग्रेजी और तमिल अक्षरों को वैसा ही रहने दिया जबकि हिंदी के अक्षरों पर काला पेंट पोत दिया।
चेन्नई: तमिलनाडु के चैन्नई फोर्ट रेलवे स्टेशन पर बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां रेलवे स्टेशन के नेम बोर्ड के हिंदी अक्षरों पर कालिख पोते जाने का मामला सामने आया है।
कालिख पोतने की सूचना मिलते ही पुलिस फौरन घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस फिलहाल काला पेंट पोतने वालों की तलाश में जुटी हुई है।
बताया जा रहा है कि बीते शुक्रवार को अधिकारियों को रेलवे स्टेशन का नेमबोर्ड खराब होने की सूचना मिली थी। अज्ञात लोगों ने नेम बोर्ड पर लिखे अंग्रेजी और तमिल अक्षरों को वैसा ही रहने दिया जबकि हिंदी के अक्षरों पर काला पेंट पोत दिया।
Tamil Nadu | Unidentified persons yesterday blackened the Hindi portion of the signboard at Chennai Fort railway station. Railway Protection Force police have registered a case against unidentified persons. The signboard was restored to its original form. pic.twitter.com/1UI4qN75C1
— ANI (@ANI) April 1, 2023
आरोपी की पहचान बाकी
जानकारी के मुताबिक, रेलवे पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश कर रही है। बताया जा रहा है कि पुलिस मामले में दो लोगों की तलाश कर रही है लेकिन स्टेशन का सीसीटीवी सही से काम न करने के कारण उन्हें पहचानने में काफी दिक्कत हो रही है।
यात्रियों के अनुसार दोनों आरोपी नशे की हालत में थे और इसी दौरान उन्होंने घटना को अंजाम दिया।
हालांकि, घटना के कुछ घंटों बाद ही नेमबोर्ड को फिर से सही कर दिया गया और हिंदी अक्षरों को फिर से रंग दिया गया।
बता दें कि तमिलनाडु में हिंदी भाषा को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है। यहां इससे पहले दही के पैकेट पर एफएसएसएआई की ओर से जारी निर्देश के बाद विवाद सामने आया था, जब भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानत प्राधिकरण ने दही के पैकेट पर हिंदी में दही लिखने का निर्देश दिया था।
इस निर्देश के बाद तमिलनाडु में सियासी बयानबाजी तेज हो गई थी। राज्य के मौजूदा सीएम एमके स्टील ने इस फैसले का विरोध करते हुए केंद्र सरकार पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया था। वहीं, राज्य में सरकारी दुग्ध उत्पादन संघ ने दही के जगह तमिल शब्द तायिर का ही इस्तेमाल करने का फैसला किया था।