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कोरोना वायरस संकट से निपटने को भूतपूर्व सैनिकों की सेवाएं लें: राजनाथ ने राज्यपालों से कहा

By भाषा | Updated: April 27, 2021 20:49 IST

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नयी दिल्ली, 27 अप्रैल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लगभग सभी राज्यपालों से बात की और उन्हें कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए अपने-अपने राज्यों में पूर्व सैनिकों की सेवाएं लेने को कहा। इस घटनाक्रम से परिचित लोगों ने यह जानकारी दी।

सिंह ने इस बातचीत के दौरान राज्यपालों से उनके राज्यों में कोरोना वायरस महामारी के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी ली और उनसे महामारी के खिलाफ लड़ाई में राज्य प्रशासन को विश्वास में लेने का आग्रह किया।

रक्षा मंत्री ने कई केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों से भी बात की और कोरोना वायरस स्थिति का जायजा लिया।

सिंह सेना के तीनों अंगों द्वारा महामारी से लड़ने के लिए देश भर के नागरिक प्रशासन को मुहैया करायी जा रही सहायता की निगरानी कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके के कार्यालय ने ट्वीट किया कि रक्षा मंत्री ने राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण और टीकाकरण की स्थिति के बारे में जानकारी ली।

उसने एक ट्वीट किया, ‘‘उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए इस संकट से निपटने के लिए राज्य में रहने वाले पूर्व सैनिकों, नर्सों, लैब तकनीशियनों और सेना के पूर्व सैनिकों की सेवाएं ली जा सकती है।’’

सेना के तीनों अंगों के साथ ही रक्षा मंत्रालय की अन्य इकाई कोरोना वायरस मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर इससे निपटने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों की सहायता कर रहे हैं।

शुक्रवार से भारतीय वायुसेना ने कोविड-19 रोगियों के इलाज में अत्यावश्यक चिकित्सकीय ऑक्सीजन के वितरण को गति देने के लिए देश भर के विभिन्न फिलिंग स्टेशनों को खाली ऑक्सीजन टैंकर और कंटेनर हवाई मार्ग से पहुंचाये।

भारतीय वायुसेना आवश्यक दवाओं के साथ-साथ देश के विभिन्न हिस्सों में निर्दिष्ट कोविड-19 अस्पतालों द्वारा आवश्यक उपकरणों का परिवहन भी कर रही है।

मंगलवार को रक्षा मंत्री ने देश भर में पूर्व सैनिकों के योगदान वाली स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) के तहत चलाई जा रही 51 चिकित्सकीय सुविधाओं में अतिरिक्त संविदा कर्मचारियों को काम पर रखने को मंजूरी दी।

पिछले सप्ताह, सिंह ने कहा कि सशस्त्र बल और रक्षा मंत्रालय महामारी से निपटने में नागरिक प्रशासन को हर संभव सहायता प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, इजरायल और कई अन्य देशों के साथ-साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूरोपीय संघ ने स्थिति से निपटने में मदद करने के लिए भारत को तत्काल चिकित्सा सहायता देने की घोषणा की है।

इस बीच भारतीय सेना ने मंगलवार को कहा कि वह अपने भूतपूर्व सैनिकों को कोविड-19 देखभाल और इलाज मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। सेना ने कहा कि वह चाहेगी कि भूतपूर्व सैनिक किसी भी प्रकार की सहायता के लिए निकटतम सेना सुविधा का उपयोग करें।

सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘भारतीय सेना कोविड-19 मामलों में वृद्धि के मद्देनजर अपनी चिकित्सा क्षमता बढ़ाने के लिए कई कदम उठा रही है।

उसने कहा कि दिल्ली के बेस अस्पताल और सभी सैन्य स्टेशनों पर स्थित सर्विस अस्पताल अधिकतम भूतपूर्व सैनिकों को समायोजित करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।

बयान में कहा गया है कि ये अस्पताल अपनी क्षमता को बढ़ा रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि बिस्तर उपलब्ध हों। बयान में कहा गया है कोविड​​-19 से प्रभावित भूतपूर्व सैनिकों को विभिन्न अस्पतालों में चिकित्सीय सलाह और उन्हें भर्ती के लिए उनका मार्गदर्शन और सहायता की जा रही है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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