अयोध्या विवादः जामा मस्जिद के शाही इमाम ने कहा- दोनों पक्षों की भावनाएं उफान पर, लेकिन बरतें संयम
By रामदीप मिश्रा | Published: November 8, 2019 07:58 PM2019-11-08T19:58:55+5:302019-11-08T19:58:55+5:30
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि तीन पक्षकारों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान- में बराबर बराबर बांटने के उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के निर्णय के खिलाफ दायर अपीलों पर 40 दिन तक सभी पक्षों की दलीलें सुनी हैं।
रामजन्म भूमि बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से पहले राम की नगरी अयोध्या छावनी में बदल गई है। वहीं, देश के कई हिस्सों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। इस बीच दिल्ली के जामा मस्जिद के शाही इमाम, सैयद अहमद बुखारी ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, सैयद अहमद बुखारी ने अयोध्या मामले में फैसले को लेकर बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है किं दोनों पक्षों की भावनाएं उफान पर हैं, लेकिन मैं लोगों से संयम बरतने और न्यायपालिका में विश्वास रखने का आग्रह करता हूं।
Delhi: Shahi Imam of Jama Masjid, Syed Ahmed Bukhari issues statement ahead of probable Ayodhya verdict, says 'Though passions on both sides are running high, but I would urge the Indian conscience to exercise restraint and demonstrate faith in the judiciary' pic.twitter.com/wYfrOWxgs3
— ANI (@ANI) November 8, 2019
अयोध्या रेंज के आईजी डॉ. एस. गुप्ता ने कहा है कि मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। कुछ भी फैसला आए, किसी को भड़काऊ भाषण नहीं देना चाहिए, सोशल मीडिया पर गलत पोस्ट ना डालें। हम नजर रख हुए हैं।
Dr. S Gupta,Inspector General of Police, Ayodhya Range: I would like to request people that there is no need to panic, whatever be the verdict (in Ayodhya case) no one should deliver inciting speech, don't post any wrong statements on social media. We are on alert&keeping an eye. pic.twitter.com/JbTi8PPeKT
— ANI UP (@ANINewsUP) November 8, 2019
बता दें अयोध्या में जमीन से आसमान तक पुलिस निगरानी की व्यवस्था की गई है। शहर के हर चौराहे पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गए हैं। आसमान से ड्रोन कैमरे चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हुए हैं। सुरक्षा के लिये 60 कंपनी पीएसी और अर्धसैनिक बल तैनात किए गये हैं। इसमें 15 कंपनी पीएसी, 15 कंपनी सीआरपीएफ और 10 कंपनी आरएएफ हाल में अयोध्या आयी है जबकि 20 कंपनी पीएसी पहले से ही यहां तैनात थी।
इसके अलावा दूसरे जनपदों से आये सुरक्षाकर्मियों में 1500 सिपाही, 250 सब इंस्पेक्टर, 150 इंस्पेक्टर, 20 डिप्टी एसपी, 11 एडिशनल एसपी तथा दो एसपी तैनात किये गये हैं। इसके अलावा अयोध्या के विभिन्न थानों में तैनात सुरक्षा बल तो पहले से ही यहां पर है।’’ इसके साथ ही आसमान से निगरानी के लिये कैमरे युक्त 10 ड्रोन तैनात किए गए हैं। शहर के सभी 30 चौराहों पर सीसीटीवी लगाये गये हैं। इनकी निगरानी के लिए चौबीसों घंटे काम करने वाला नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।
इधर, प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर फैसला सुनाये जाने से पहले शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी प्राप्त की।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि तीन पक्षकारों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान- में बराबर बराबर बांटने के उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के निर्णय के खिलाफ दायर अपीलों पर 40 दिन तक सभी पक्षों की दलीलें सुनी।
पीठ ने 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी करते हुये कहा था कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जायेगा। इस मामले में फैसला अगले सप्ताह सुनाये जाने की संभावना है क्योंकि प्रधान न्यायाधीश 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं।