"स्वामी प्रसाद मौर्य चुनाव के वक्त सपा में आये, चुनाव हारे लेकिन पार्टी ने उन्हें एमएलसी बनाया, पार्टी अब भी उनका सम्मान करती है", डिंपल यादव ने उनके इस्तीफे पर कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 21, 2024 08:27 AM2024-02-21T08:27:22+5:302024-02-21T08:34:53+5:30
सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी और मैनपुरी से लोकसभा सांसद डिंपल यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे पर कहा कि पार्टी ने मौर्य का बहुत समर्थन और सम्मान किया है।

फाइल फोटो
मैनपुरी: स्वामी प्रसाद मौर्य के समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देने के बाद पार्टी की वरिष्ठ नेता डिंपल यादव ने बीते मंगलवार को इस मामले में कहा कि पार्टी ने स्वामी प्रसाद मौर्य का बहुत समर्थन और सम्मान किया है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीते 13 फरवरी को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से हटने के बाद 20 फरवरी को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और नई पार्टी बनाने जा रहे हैं।
इसी मुद्दे पर प्रतिक्रिया देती हुई मैनपुरी की सांसद डिंपल यादव ने कहा, "मेरा मानना है कि चुनाव के दौरान वह पार्टी में शामिल हुए लेकिन वह चुनाव नहीं जीत सके। इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें एमएलसी बनाया और विधानसभा में भेजा। पार्टी ने हमेशा उनका सम्मान किया है।"
इससे पहले, सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने मंगलवार को कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह फैसला क्यों लिया और यह उनकी अंतरात्मा की बात है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव का पद छोड़ने के लगभग एक हफ्ते बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को पार्टी की सदस्यता और उत्तर प्रदेश विधान परिषद से इस्तीफा दे दिया।
शिवपाल सिंह यादव ने संवाददाताओं से कहा, "यह उनकी अंतरात्मा की बात है। मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि उन्होंने ऐसा फैसला क्यों लिया। यह उनके लिए कोई नई बात नहीं है।"
वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा से दिये अपने त्यागपत्रों में पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने नैतिक आधार पर विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव को लिखे पत्र में कहा, ''आपके नेतृत्व में सौहार्दपूर्ण वातावरण में काम करने का मौका मिला लेकिन 12 फरवरी 2024 को हुई वार्ता में किसी भी तरह की बातचीत की पहल नहीं करने का नतीजा है और 13 फरवरी 2024 को भेजे गए पत्र के अनुसार मैं समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं।''
खबरों के मुताबिक स्वामी प्रसाद मौर्य 22 फरवरी को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में अपना खुद का राजनीतिक संगठन राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी लॉन्च करने वाले हैं। वहीं अखिलेश यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य के बीच दरार तब और बढ़ गई जब समाजवादी पार्टी प्रमुख ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य अपने फायदे के लिए सपा में आए हैं।
सपा प्रमुख ने कहा, "सभी अपना फायदा लेने के लिए सपा में आते हैं, लेकिन मौके पर कौन खड़ा रहता है ये वक्त बताएगा? कौन बताएगा कि किसके मन में क्या चल रहा है? यही नहीं, अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसी कोई मशीन नहीं है, जो जान सके कि किसी के मन में क्या चल रहा है।"
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के 'फायदे' वाले बयान पर हमला बोलते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीते सोमवार को कहा, "सपा न तो राज्य में न ही केंद्र में सत्ता में हैं। वह कुछ भी देने की स्थिति में नहीं हैं और मैं उन सारी चिजों को लौटा दूंगा, जो अभी तक सपा से मुझे मिला है। मेरे लिए विचारधारा महत्वपूर्ण है, पद नहीं। सभी वर्गों का अधिकार और कल्याण मेरी प्राथमिकता है, जब भी उस पर हमला होगा तो मैं आवाज उठाऊंगा।"