सेंगोल की संसद में स्थापना कराने आए संतों को स्वामी प्रसाद मौर्य ने कट्टरपंथी ब्राह्मण कहा, बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: May 28, 2023 15:46 IST2023-05-28T15:45:14+5:302023-05-28T15:46:56+5:30

पीएम मोदी ने देश को नया संसद भवन समर्पित कर दिया है। इस ऐतिहासिक अवसर पर संसद की नई इमारत में पवित्र सेंगोल की भी स्थापना हुई। इसे पूरे कार्यक्रम को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने विवादित बयान दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने सेंगोल की संसद में स्थापना का कार्य पूर्ण कराने आए संतों को कट्टरपंथी ब्राह्मण कहा है।

Swami Prasad Maurya called saints who came to establish Sengol Parliament as fundamentalist Brahmins | सेंगोल की संसद में स्थापना कराने आए संतों को स्वामी प्रसाद मौर्य ने कट्टरपंथी ब्राह्मण कहा, बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप

समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (फाइल फोटो)

Highlights सेंगोल राजदंड की स्थापना पर स्वामी प्रसाद मौर्य का विवादित बयानसेंगोल की संसद में स्थापना का कार्य पूर्ण कराने आए संतों को कट्टरपंथी ब्राह्मण कहाबीजेपी पर ब्राह्मणवाद को भी स्थापित करने का कुत्सित प्रयास करने का आरोप लगाया

नई दिल्ली: पीएम मोदी ने देश को नया संसद भवन समर्पित कर दिया है।  इस ऐतिहासिक अवसर पर संसद की नई इमारत में पवित्र सेंगोल की भी स्थापना हुई। महान चोल साम्राज्य में सेंगोल को कर्तव्य पथ का, सेवा पथ का, राष्ट्र पथ का प्रतीक माना जाता था। राजा जी और अधिनम के संतों के मार्ग दर्शन में यही सेंगोल सत्ता के हस्तातंरण का प्रतीक बना था। नई संसद के उद्घाटन के अवसर पर एक बार फिर तमिलनाडु से विशेष तौर पर अधिनम के संत भवन में उपस्थित हुए थे।

अब इसे पूरे कार्यक्रम को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने विवादित बयान दिया है।  स्वामी प्रसाद मौर्य ने सेंगोल की संसद में स्थापना का कार्य पूर्ण कराने आए संतों को कट्टरपंथी ब्राह्मण कहा है। 

नए संसद भवन में सेंगोल राजदंड की स्थापना किए जाने पर भड़के स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करके कहा, "सेंगोल राजदंड की स्थापना पूजन में केवल दक्षिण के कट्टरपंथी ब्राह्मण गुरुओं को बुलाया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा सरकार का यदि पंथनिरपेक्ष संप्रभु-राष्ट्र भारत में विश्वास होता तो देश के सभी धर्म गुरुओं यथा- बौद्ध धर्माचार्य (भिक्षुगण), जैन आचार्य (ऋषि), गुरु ग्रंथी साहब, मुस्लिम धर्मगुरु (मौलाना), ईसाई धर्मगुरु (पादरी) आदि सभी को आमंत्रित किया जाना चाहिए था। ऐसा न कर भाजपा ने अपनी दूषित मानसिकता और घृणित सोच को दर्शाया है। यद्यपि कि भाजपा सरकार सेंगोल राजदंड की स्थापना कर राजतंत्र के रास्ते पर जा रही है अपितु दक्षिण के ब्राह्मण धर्मगुरुओं को बुलाकर ब्राह्मणवाद को भी स्थापित करने का कुत्सित प्रयास कर रही है।"

हालांकि उत्तर प्रदेश की एक और विपक्षी नेता मायावती ने नए संसद भवन के उद्घाटन पर केंद्र सरकार को शुभकामनाएं दी हैं। न्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "नये संसद भवन के आज किये गये उद्घाटन के लिए केन्द्र को शुभकामनायें। इस नए संसद भवन का परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की मानवतावादी सोच तथा उनके बनाये गये पवित्र संविधान की नेक मंशा के हिसाब से देश व जनहित में सही व भरपूर इस्तेमाल हो, यह उचित होगा।"

इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि नया भवन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपने को साकार करने का साधन बनेगा। यह नया भवन आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा। यह नया भवन विकसित भारत के संकल्पों की सिद्धी होते हुए देखेगा। नए रास्तों पर चलकर ही नए प्रतिमान गढ़े जाते हैं। आज नया भारत नए लक्ष्य तय कर रहा है।

Web Title: Swami Prasad Maurya called saints who came to establish Sengol Parliament as fundamentalist Brahmins

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