Covid-19: सर्वे में हुआ खुलासा, भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन समर्थक देश, 98 फीसदी आबादी चाहती है वैक्सीन लगवाना
By रुस्तम राणा | Updated: December 13, 2021 09:35 IST2021-12-13T09:31:37+5:302021-12-13T09:35:52+5:30
आईएएनएस-सीवोटर वैक्सीन ट्रैकर के सर्वे से यह पता चला है कि भारत दुनिया में सबसे अधिक वैक्सीन समर्थक देश (प्रो-वैक्सीन कंट्री) है। सर्वे में यह पता चला है कि भारत की पात्र 98 % आबादी कोरोनावायरस के खिलाफ वैक्सीन लगवाना चाहती है।

आईएएनएस-सीवोटर वैक्सीन ट्रैकर के सर्वे से यह पता चला है कि भारत दुनिया में सबसे अधिक कोरोना वैक्सीन समर्थक देश (प्रो-वैक्सीन कंट्री) बन गया है।
आईएएनएस-सीवोटर वैक्सीन ट्रैकर के सर्वे से यह पता चला है कि भारत दुनिया में सबसे अधिक कोरोना वैक्सीन समर्थक देश (प्रो-वैक्सीन कंट्री) बन गया है। देश की पात्र 98 % आबादी कोरोना वैक्सीन लगवाना चाहती है। गौरतलब है कि भारत 100 करोड़ वैक्सीनेशन करने के विशाल लक्ष्य को भी पार गया है।
अब देश के 133 करोड़ से अधिक पात्र लोगों का हो चुका है वैक्सीनेशन
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बीते 24 घंटे में 89 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी गई है। अब देश के 133 करोड़ से अधिक पात्र लोगों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है। देश की 90 करोड़ वयस्क आबादी, 81 करोड़ से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है।
9 करोड़ वैक्सीनेटेड लोगों में से 7.5 करोड़ लोग स्वेच्छा से चाहते हैं वैक्सीन की डोज
आईएएनएस-सीवोटर वैक्सीन ट्रैकर सर्वे के अनुसार, शेष 9 करोड़ वैक्सीनेटेड लोगों में से 7.5 करोड़ लोगों ने कहा है कि इस घातक वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाना चाहते हैं। जबकि 1.5 करोड़ लोगोंने इस लगवाते समय हिचकिचाहट को जाहिर किया।
रोजाना लगभग 60 से 70 लाख लोगों को लगाई जा रही है वैक्सीन
सर्वे में यह भी पाया गया कि हिचकिचाहट दिखाने वालों ने किसी तरह का विरोध भी जाहिर नही किया, उन्हें स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा आसानी से टीके के महत्व को समझा दिया गया। स्वास्थ्य मंत्रालय के डेटा अनुसार, लगभग 60 से 70 लाख लोगों को रोजाना कोविड-19 की वैक्सीन लगाई जा रही है।
भारत के मुकाबले यूरोप और यूएस में वैक्सीन को लेकर हिच किचाहट ज्यादा
इस महीने के अंत तक देश में वयस्क आबादी को पूरी तरह से वैक्सीनेट कर लिया जाएगा। सर्वे में यह भी पाया गया है कि वैक्सीन को लेकर भारत के मुकाबले यूरोप और यूएस में हिच किचाहट ज्यादा है।