सुप्रीम कोर्ट संकट: जजों के सवाल उठाने के बाद केस आवंटन के नियम में हो सकता है ये बदलाव

By कोमल बड़ोदेकर | Published: January 22, 2018 10:06 AM2018-01-22T10:06:20+5:302018-01-22T10:39:12+5:30

"सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री मामलों के आवंटन को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के निर्णय पर अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर सकता है।

Surpreme court crisis: may put judges roster in public domain soon | सुप्रीम कोर्ट संकट: जजों के सवाल उठाने के बाद केस आवंटन के नियम में हो सकता है ये बदलाव

सुप्रीम कोर्ट संकट: जजों के सवाल उठाने के बाद केस आवंटन के नियम में हो सकता है ये बदलाव

सुप्रीम कोर्ट मुकदमे आवंटित करने के लिए जल्द ही रोस्ट प्रणाली लागू कर सकता है। साथ ही मामलों के आवंटन को वेबसाइट पर अपलोड कर सार्वजनिक करने की भी संभावना जताई जा रही है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक "सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री मामलों के आवंटन को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के निर्णय पर अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर सकता है।

इस प्रणाली को पब्लिक डोमेन में लाया जाएगा। इससे पहले बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने इस मामले में सिफारिश करते हुए कहा था कि मुकदमों के आवंटन में दिल्ली हाई कोर्ट की तरह रोस्टर प्रणाली अपनई जाए। इससे पहले 22 जनवरी के लिये सुप्रीम कोर्ट के काम की सूची के बारे में 19 जनवरी को दर्शाया गया था कि इसे उचित पीठ के पास भेज दिया गया है और देर शाम वेबसाइट पर दिखाया गया कि इस पर प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई करेगी।

बता दें कि बीती 12 जनवरी को चार जजों न्यायमूर्ति जे.चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति कुरयिन जोसेफ ने अदालती मामलों के आवंटन को लेकर एक प्रेस वार्ता कर कहा था कि शीर्ष अदालत की प्रशासनिक व्यवस्था ठीक नहीं है। चार वरिष्ठ जजों के इस तरह प्रेस कॉफ्रेंस करने का यह पहला मामला था।  

 

Web Title: Surpreme court crisis: may put judges roster in public domain soon

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