सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव गुट की याचिका स्वीकार की, शिवसेना का नाम-चिन्ह शिंदे गुट को दिए जाने के खिलाफ शीर्ष अदालत पहुंचे थे ठाकरे
By शिवेंद्र राय | Published: February 21, 2023 11:48 AM2023-02-21T11:48:24+5:302023-02-21T11:49:51+5:30
सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका में उद्धव गुट की तरफ से दलील दी गई थी कि अगर शीर्ष अदालत ने इस मामले में जल्दी दखल नहीं दी तो उनसे सब कुछ छीन लिया जाएगा। इस मामले पर सर्वोच्च न्यायालय 22 फरवरी, बुधवार दोपहर 3.30 बजे सुनवाई करेगा।
नई दिल्ली: शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह को लेकर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच की लड़ाई अब सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच गई है। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को उद्धव गुट की याचिका को स्वीकार कर लिया है। याचिका में चुनाव आयोग द्वारा शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह को शिंदे गुट को दिए जाने के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई है। इस मामले पर सर्वोच्च न्यायालय 22 फरवरी, बुधवार दोपहर 3.30 बजे सुनवाई करेगा।
सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका में उद्धव गुट की तरफ से दलील दी गई थी कि अगर शीर्ष अदालत ने इस मामले में जल्दी दखल नहीं दी तो उनसे सब कुछ छीन लिया जाएगा। इस मामले में उद्धव गुट की तरफ से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि पहले ही उद्धव गुट के कार्यालय पर कब्जा किया जा चुका है. अगर इसकी सुनवाई नहीं हुई तो उनके बैंक खाते भी छीन लिए जाएंगे। सिब्बल ने चुनाव आयोग के फैसले को गलत बताया और कहा कि आयोग का फैसला केवल विधानसभा के 33 सदस्यों की सहमति पर आधारित है।
हालांकि इस मामले में शिंदे गुट की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय में पहले ही कैविएट दाखिल की जा चुकी है और कहा गया है कि कोई भी फैसला एकतरफा न दिया जाए। शिंदे गुट की मांग है कि सर्वोच्च न्यायालय को उनका भी पक्ष सुनना चाहिए।
बता दें कि एक फैसले में केंद्रीय चुनाव आयोग ने 'शिवसेना' पार्टी पर और इसके सिंबल 'धनुष-बाण' पर वास्तविक अधिकार एकनाथ शिंदे गुट को दिया है। आयोग ने आदेश दिया है कि पार्टी का नाम "शिवसेना" और पार्टी का प्रतीक "धनुष और बाण" एकनाथ शिंदे गुट के पास रहेंगे।
अब जब चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को ही असली शिवसेना मान लिया है तब पार्टी फंड के रूप में बैंकों में जमा लगभग 148 करोड़ रुपये की संपत्ति को इस्तेमाल करने का अधिकार भी शिंदे गुट को ही होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक शिवसेना के पास 148.46 करोड़ की एफडी और 186 करोड़ की अचल संपत्ति है। अब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना जिसे पार्टी का कोषाध्यक्ष बनाएगी उसी के हस्ताक्षर से ये धनराशि बैंक से निकाली जा सकेगी। यही उद्धव गुट की सबसे बड़ी मुश्किल है जिसके लिए उन्होंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।