सुप्रीम कोर्टः CJI के नेतृत्व वाली बेंच कल करेगी CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा की याचिका पर सुनवाई
By रामदीप मिश्रा | Updated: October 25, 2018 19:12 IST2018-10-25T19:12:48+5:302018-10-25T19:12:48+5:30
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की नेतृत्व वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच 25 अक्टूबर को सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और एक एनजीओ की याचिका पर सुनवाई करेगी।

सुप्रीम कोर्टः CJI के नेतृत्व वाली बेंच कल करेगी CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा की याचिका पर सुनवाई
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में शीर्ष स्तर पर मचे घमासान के बीच सरकार द्वारा अचानक छुट्टी पर भेज देने का मामला लेकर सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा ने बीते दिन (24 अक्टूबर) सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर याचिका दायर की, जिस पर शीर्ष अदालत शुक्रवार को सुनवाई करेगी।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की नेतृत्व वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच 25 अक्टूबर को सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और एक एनजीओ की याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने को चुनौती दी गई है।
Supreme Court’s bench led by Chief Justice Ranjan Gogoi to hear tomorrow pleas filed by CBI director Alok Verma and an NGO against the government’s order sending him on leave and relieving him of charge as CBI Director. pic.twitter.com/RDBfTjnRww
— ANI (@ANI) October 25, 2018
दरअसल सीबीआई के 55 सालों के इतिहास में एक अभूतपूर्व घटनाक्रम के तहत सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से रातोंरात उनकी जिम्मेदारियां पूरी तरह से वापस ले ली गईं और उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया। वर्मा और अस्थाना के बीच मचे घमासान के और तेज होने से जांच एजेंसी में गंभीर होते हालात के बीच यह कदम उठाया गया।
वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में केंद्र पर निशाना साधते हुए उन्हें 'रातोंरात' दी गई जिम्मेदारियों को वापस ले लिया जाना एजेंसी की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप बताया। याचिका में उन्होंने कहा कि सीबीआई से अपेक्षा की जाती है कि वह पूरी तरह से स्वतंत्र और स्वायत्तता के साथ काम करे और ऐसी स्थिति में कुछ ऐसे अवसर भी आते हैं जब उच्च पदाधिकारियों के मामलों की जांच वह दिशा नहीं लेती जिसकी सरकार अपेक्षा करती हो।
वर्मा ने कहा कि केन्द्र और केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) का कदम पूरी तरह से गैरकानूनी है और ऐसे हस्तक्षेप से इस प्रमुख जांच संस्था की स्वतंत्रता तथा स्वायत्तता का क्षरण होता है।
सरकार का यह कदम सीवीसी की वर्मा और अस्थाना को छुट्टी पर भेजने और उनके खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिये एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने की सिफारिश के कुछ घंटों बाद आया। के वी चौधरी की अध्यक्षता वाले सीवीसी के पास भ्रष्टाचार के मामलों में सीबीआई पर अधीक्षण होता है।