मोदी सरकार ने अदालतों में लंबित CAA संबंधी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने का किया अनुरोध
By भाषा | Published: January 8, 2020 01:04 PM2020-01-08T13:04:05+5:302020-01-08T13:04:21+5:30
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत भी पीठ का हिस्सा थे। पीठ ने कहा, ‘‘पहली नजर में उसका मत है कि सीएए संबंधी याचिकाएं उच्च न्यायालय देखे और राय में मतभेद होने पर शीर्ष न्यायालय उन पर विचार करे।’’
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाएं शीर्ष अदालत में स्थानांतरित की जाएं। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि केंद्र की स्थानांतरण संबंधी याचिका पर वह 10 जनवरी को सुनवाई करेंगे।
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत भी पीठ का हिस्सा थे। पीठ ने कहा, ‘‘पहली नजर में उसका मत है कि सीएए संबंधी याचिकाएं उच्च न्यायालय देखे और राय में मतभेद होने पर शीर्ष न्यायालय उन पर विचार करे।’’
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल जी. मेहता ने कहा कि विभिन्न उच्च न्यायालयों के मत अलग हो सकते हैं जिससे समस्या पेश आ सकती है। इसके अलावा वकीलों को सुनवाई के लिए अलग-अलग राज्यों में जाना पड़ेगा।
इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि सीएए मामलों पर सुनवाई में शामिल होने के लिए वकीलों का विभिन्न राज्यों में जाने का विषय उनके लिए प्राथमिकता नहीं है।
मेहता ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि बृहस्पतिवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक याचिका आने वाली है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि याचिकाओं के स्थानांतरण पर सुनवाई वह शुक्रवार को करेगा।