नयी दिल्ली/लखीमपुर खीरी, सात अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी कांड में चार किसानों सहित आठ लोगों की हत्या को "दुर्भाग्यपूर्ण" बताते हुए बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश सरकार से शुक्रवार तक स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा।
इस स्थिति रिपोर्ट में राज्य सरकार को प्राथमिकी में नामित आरोपियों के विवरण के साथ ही यह भी बताना है कि क्या उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
न्यायालय के इस निर्देश के बाद लखीमपुर खीरी पुलिस ने मामले के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे तथा मामले के मुख्य आरोपी आशीष को शुक्रवार को पूछताछ के लिए समन भेज दिया।
शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) और न्यायिक जांच आयोग का विवरण भी मांगा है।
सियासी तूफान खड़ा करने वाली इस घटना पर प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की तीन सदस्यीय पीठ ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की।
अदालत ने यह निर्देश ऐसे वक्त दिए हैं जब विपक्षी दल उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार पर दोषियों को बचाने का आरोप लगा रहे हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘आपने खुद कहा है, खबरों में भी बताया गया है और हमें जो पत्र याचिका प्राप्त हुई है, उसमें भी बताया गया है कि आठ व्यक्ति मारे गए हैं, जिनमें से कुछ किसान हैं और एक पत्रकार है और अन्य व्यक्ति हैं। ये सभी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हैं जिनमें अलग-अलग लोगों की हत्या की गई है।’’
पीठ ने कहा, ‘‘हम यह जानना चाहते हैं कि वे आरोपी व्यक्ति कौन हैं, जिनके खिलाफ आपने प्राथमिकी दर्ज की है और उन्हें गिरफ्तार किया गया है या नहीं। कृपया इसे अपनी स्थिति रिपोर्ट में स्पष्ट करें।’’
पीठ ने यह कहते हुए इस मामले की सुनवाई शुरुआत की, ‘‘शिकायत यह है कि आप इसे (घटना को) ठीक से नहीं देख रहे हैं और प्राथमिकी ठीक से दर्ज नहीं की गई है।’’
राज्य सरकार की ओर से पेश वकील गरिमा प्रसाद ने भी इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और कहा कि सरकार ने विशेष जांच दल और न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है और वह स्थिति रिपोर्ट में इसका विवरण देंगी।
उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने शाम को एक बयान जारी कर बताया कि लखीमपुर खीरी कांड मामले में दो अभियुक्तों लव कुश और आशीष पांडे को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे और लखीमपुर कांड के मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्रा को पूछताछ के लिए शुक्रवार पूर्वाहन 10 बजे लखीमपुर खीरी स्थित अपराध शाखा कार्यालय में बुलाया गया है।
कुमार ने बताया कि लखीमपुर में रविवार को हुई हिंसा के मामले में नामजद अभियुक्त आशीष मिश्रा के अलावा अज्ञात अभियुक्तों में से छह के नाम सामने आए हैं। इनमें से तीन अभियुक्तों की घटना वाले दिन मौके पर ही मृत्यु हो चुकी है। बाकी चार अभियुक्तों में दो को आज गिरफ्तार कर लिया गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि बुधवार को मामले के विवेचक ने फॉरेंसिक टीम के साथ घटनास्थल का दौरा किया। इस दौरान वहां मौजूद एक वाहन से 315 बोर के दो कारतूसों के खोखे बरामद हुए हैं।
लखनऊ जोन की पुलिस महानिरीक्षक लक्ष्मी सिंह ने बताया कि अगर आशीष पूछताछ के लिए नहीं आते हैं तो इसके लिए विधिक प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष पिछली तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के मामले के मुख्य अभियुक्त हैं।
पुलिस महानिरीक्षक लक्ष्मी सिंह ने बताया कि वारदात में मारे गए तीन अन्य लोगों की भूमिका के बारे में पहले कुछ भी स्पष्ट नहीं हो रहा था लेकिन दो लोगों से पूछताछ के दौरान चीजें कुछ स्पष्ट हो रही हैं। हालांकि उन्होंने इस बारे में ज्यादा कुछ बताने से मना कर दिया।
लखीमपुर खीरी पुलिस लाइन का दौरा करने वाले अपर पुलिस महानिदेशक एस एन साबत ने बताया कि मामले की जांच जारी है।
यह पूछे जाने पर कि क्या किसानों तथा पत्रकार के अतिरिक्त मारे गए लोगों तथा गिरफ्तार लोगों ने हिंसा भड़काई, साबत ने कहा, "दुर्घटना के बाद ही चीजें शुरू हुई और जो लोग वाहन चला रहे थे, निश्चित रूप से उनका अपनी अपनी गाड़ी पर नियंत्रण था और वह हादसे के लिए 100 फीसद जिम्मेदार हैं।"
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी के तिकोनिया इलाके में पिछले रविवार को हुई हिंसा में मारे गए किसानों के अलावा चार अन्य लोगों में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का वाहन चालक और एक निजी समाचार चैनल का स्थानीय रिपोर्टर रमन कश्यप भी शामिल है।
घटना में मृत पत्रकार के पिता के मुताबिक उनके बेटे की मौत किसानों के आंदोलन की कवरेज के दौरान एक वाहन की टक्कर के कारण हुई है।
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