Electoral Bonds: चुनावी बांड पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, चुनावी बांड योजना को रद्द कर दिया

By धीरज मिश्रा | Published: February 15, 2024 11:24 AM2024-02-15T11:24:43+5:302024-02-15T11:48:39+5:30

Bonds scheme: सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन और असंवैधानिक माना है और इसे रद्द कर दिया है

Supreme Court strikes down Electoral Bonds scheme | Electoral Bonds: चुनावी बांड पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, चुनावी बांड योजना को रद्द कर दिया

फाइल फोटो

Highlightsसुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को रद्द कर दियासुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एसबीआई राजनीतिक दलों द्वारा लिए गए चुनावी बांड का ब्योरा पेश करेगाएसबीआई भारत के चुनाव आयोग को विवरण प्रस्तुत करेगा

Bonds scheme: सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन और असंवैधानिक माना है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक करार देते हुए इसे रद्द करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि बैंक तत्काल चुनावी बांड जारी करना बंद कर दें।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि काले धन पर अंकुश लगाने के लिए सूचना के अधिकार का उल्लंघन उचित नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि चुनावी बांड के माध्यम से कॉर्पोरेट योगदानकर्ताओं के बारे में जानकारी का खुलासा किया जाना चाहिए क्योंकि कंपनियों द्वारा दान पूरी तरह से बदले के उद्देश्य से है।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एसबीआई राजनीतिक दलों द्वारा लिए गए चुनावी बांड का ब्योरा पेश करेगा। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि एसबीआई भारत के चुनाव आयोग को विवरण प्रस्तुत करेगा और ईसीआई इन विवरणों को वेबसाइट पर प्रकाशित करेगा।

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया है और इसे लागू करने के लिए किए गए सभी प्रावधान रद्द कर दिए गए हैं। उनका मानना है कि यह नागरिकों के जानने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है कि राजनीतिक दलों को कौन धन दे रहा है। उन्होंने कंपनियों द्वारा राजनीतिक दलों को दिए जा रहे असीमित योगदान पर भी रोक लगा दी है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर वकील शादान फरासत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से चुनावी बॉन्ड संशोधनों को रद्द कर दिया है। जो संशोधन योजना का आधार थे, उन्हें आयकर अधिनियम और अन्य जैसे विभिन्न अधिनियमों से हटा दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट हमारी दलीलों से सहमत है और उसके परिणामस्वरूप योजना को ही रद्द कर दिया गया है।

चुनावी बांड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर याचिकाकर्ता जया ठाकुर ने कहा कि साल 2018 में जब यह चुनावी बॉन्ड योजना प्रस्तावित की गई थी तो इस योजना में कहा गया था कि आप बैंक से बॉन्ड खरीद सकते हैं और पैसा पार्टी को दे सकते हैं जो आप देना चाहते हैं लेकिन आपका नाम उजागर नहीं किया जाएगा, जो कि सूचना के अधिकार के खिलाफ है और इसका खुलासा किया जाना चाहिए।

इसलिए मैंने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की जिसमें मैंने कहा कि यह पारदर्शी होना चाहिए और उन्हें नाम बताना चाहिए और राशि, जिसने पार्टी को राशि दान की।

Web Title: Supreme Court strikes down Electoral Bonds scheme

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