मणिपुर हिंसा पीड़ितों से बयान नहीं लेगी सीबीआई, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

By अंजली चौहान | Updated: August 1, 2023 14:41 IST2023-08-01T14:32:17+5:302023-08-01T14:41:12+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कहा कि वह मणिपुर वायरल वीडियो मामले में पीड़ित आदिवासी महिलाओं के बयान की रिकॉर्डिंग पर सुनवाई होने तक रोक लगाए।

Supreme Court Stop CBI from taking statements from Manipur violence victims | मणिपुर हिंसा पीड़ितों से बयान नहीं लेगी सीबीआई, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो

Highlightsमणिपुर वीडियो पीड़िताओं के बयान दर्ज करने पर सुप्रीम कोर्ट से रोक लगा दी है सीबीआई फिलहाल बयान दर्ज नहीं कर पाएगी मणिपुर में कुकी और मैतई के बीच महीनों से हिंसा हो रही

नई दिल्ली: मणिपुर हिंसा के दौरान महिलाओं को नग्न घुमाने वाले वायरल वीडियो केस में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को पीड़िताओं के बयान लेने और दर्ज करने पर रोक लगा दी है।

कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कहा कि वह मणिपुर वायरल वीडियो मामले में पीड़ित आदिवासी महिलाओं के बयान की रिकॉर्डिंग पर सुनवाई होने तक रोक लगाए।  इस केस की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यश्रता वाली पीठ कर रही है।

दरअसल, कुकी पक्ष की ओर से पेश वकील निजाम पाशा ने अदालत को सूचित किया कि सीबीआई आज दोपहर में बयान दर्ज करने जा रही है। उन्होंने बताया कि पीड़ित महिलाओं को बार-बार एक ही बयान देने लिए मजबूर किया जा रहा है। 

जिसके बाद शीर्ष अदालत ने सीबीआई से बयान दर्ज करने से पहले अगले आदेश की प्रतीक्षा करने को कहा। सीजेआई ने कहा, "सीबीआई को आज की सुनवाई के नतीजे तक इंतजार करने के लिए कहें।" 

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि यह अच्छे इरादे से किया गया है लेकिन वह सीबीआई को बयान दर्ज करने से परहेज करने के लिए कहेंगे।

एसआईटी से जांच कराने की मांग 

गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार को कोर्ट ने बचे हुए लोगों के बयान दर्ज कराने के लिए एक पैनल और मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल गठित करने का संकेत दिया।

पीड़ित महिलाओं ने अपने मामले की सीबीआई जांच के खिलाफ कल शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की है और अपने लिए सुरक्षा की मांग की है और निकटतम क्षेत्र मजिस्ट्रेट द्वारा सीआरपीसी की धारा 164 के तहत उनका बयान दर्ज करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है।

पीड़ित महिलाओं की ओर से वकील ने अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने की भी मांग की। 

क्यों भड़की मणिपुर हिंसा?

बता दें कि 3 मई को मणिपुर राज्य में हिंसा भड़क उठी थी। यहां कुकी और मैतई समुदाय के बीत जातीय हिंसा के कारण सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है।

3 मई को हिंसा भड़कने के अगले दिन कुकी समुदाय की दो महिलाओं को दूसरे समुदाय के पुरुषों द्वारा नग्न घुमाया गया था। पूरे इलाके में कई किलोमीटर तक महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाया गया और उनका वीडियो बनाया गया।

वहीं, घटना का वीडियो जुलाई महीने में वायरल हुआ जिसके सामने आते ही बवाल मच गया। पूरे देश में इस जघन्य घटना को लेकर जांच की मांग की गई। इसके बाद केंद्र सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। 

Web Title: Supreme Court Stop CBI from taking statements from Manipur violence victims

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