शीर्ष अदालत ने केरल उच्च न्यायालय में ईडब्ल्यूएस आरक्षण को चुनौती वाली याचिका की सुनवाई पर रोक लगाई

By भाषा | Updated: September 24, 2021 15:40 IST2021-09-24T15:40:08+5:302021-09-24T15:40:08+5:30

Supreme Court stays hearing of petition challenging EWS reservation in Kerala High Court | शीर्ष अदालत ने केरल उच्च न्यायालय में ईडब्ल्यूएस आरक्षण को चुनौती वाली याचिका की सुनवाई पर रोक लगाई

शीर्ष अदालत ने केरल उच्च न्यायालय में ईडब्ल्यूएस आरक्षण को चुनौती वाली याचिका की सुनवाई पर रोक लगाई

नयी दिल्ली, 24 सितंबर एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में उच्चतम न्यायालय ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के उम्मीदवारों को नौकरियों और दाखिले में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर केरल उच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही पर शुक्रवार को रोक लगा दी।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने केंद्र द्वारा दाखिल याचिका पर नोटिस भी जारी किया, जिसमें मामले को उच्च न्यायालय से शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है। शीर्ष अदालत ने पूर्व में इसी तरह के मामले को पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के समक्ष भेज दिया था।

केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए और उच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगाने के अलावा नुजैम पी के को नोटिस देने का अनुरोध किया जिन्होंने वहां जनहित याचिका दाखिल की थी।

याचिका में कहा गया है कि रिट याचिका में इस न्यायालय के समक्ष लंबित कानून का एक समान प्रश्न शामिल है कि क्या संविधान (103वें संशोधन) कानून, 2019 भारत के संविधान की मूल संरचना का उल्लंघन करता है और संविधान के मूल सिद्धांत के खिलाफ है। इसमें कहा गया है कि उक्त रिट याचिका को स्थानांतरित करने से इन सभी मामलों पर एक साथ सुनवाई हो सकेगी और विभिन्न अदालतों द्वारा असंगत आदेश पारित होने की संभावना से बचा जा सकेगा। याचिका का स्थानांतरण आवश्यक है क्योंकि इसी तरह की याचिका और कानून की वैधता के संबंध में अन्य संबंधित अर्जियां इस अदालत के समक्ष लंबित हैं।

शीर्ष अदालत ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली कुछ याचिकाओं और स्थानांतरण याचिकाओं को पूर्व में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ को भेज दिया था। अदालत ने केंद्र के फैसले पर रोक लगाने से इनकार किया था।

लोकसभा और राज्यसभा ने क्रमशः आठ और नौ जनवरी 2019 को विधेयक को मंजूरी दी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस पर हस्ताक्षर किए थे। यह कोटा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए मौजूदा 50 प्रतिशत आरक्षण के अतिरिक्त है।

हाल में मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा था कि मेडिकल कॉलेजों के अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) की सीटों में ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण देने पर केंद्र की अधिसूचना को शीर्ष अदालत की मंजूरी की आवश्यकता होगी। उच्च न्यायालय की इस टिप्पणी के खिलाफ केंद्र की याचिका पर भी शीर्ष अदालत में सुनवाई होगी।

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Web Title: Supreme Court stays hearing of petition challenging EWS reservation in Kerala High Court

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