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सुप्रीम कोर्ट ने मलयालम न्यूज चैनल पर प्रतिबंध के केंद्र के आदेश को पलटा, कहा- मजबूत लोकतंत्र के लिए स्वतंत्र प्रेस जरूरी

By विनीत कुमार | Updated: April 5, 2023 12:04 IST

सुप्रीम कोर्ट ने मलयालम न्यूज चैनल 'मीडियावन' पर केंद्र सरकार के बैन के फैसले को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बिना तथ्यों के राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी दावे करने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय पर अप्रसन्नता भी जाहिर की।

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मलयालम समाचार चैनल ‘मीडियावन’ के प्रसारण पर 'सुरक्षा आधार' पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखने संबंधी केरल हाई कोर्ट के आदेश को बुधवार को पलट दिया। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार बैन को हटाने का आदेश देते हुए कोर्ट ने कहा कि मजबूत लोकतंत्र के लिए स्वतंत्र प्रेस आवश्यक है। कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के केंद्र के फैसले को बरकरार रखने को लेकर भी नाराजगी व्यक्त की। 

बार एंड बेंच वेबसाइट के अनुसार भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने केंद्र के इस तर्क को खारिज कर दिया कि चैनल के कुछ प्रसारणों ने राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित किया है। शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, 'राष्ट्रीय सुरक्षा के दावे ऐसे हवा में नहीं किए जा सकते, इसके समर्थन में ठोस तथ्य होने चाहिए।'

जनवरी में मीडियावन पर केंद्र ने लगाया था बैन

केंद्र सरकार ने जनवरी में ‘सुरक्षा कारणों’ का हवाला देते हुए मलयालम न्यूज चैनल मीडियावन के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया था। उस समय केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिलने के बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इस चैनल के ब्रॉडकास्ट लाइसेंस को रिन्यू करने से इनकार कर दिया था। 

इसके बाद मामला केरला हाई कोर्ट पहुंचा था। हालांकि, 9 फरवरी को हाई कोर्ट की एकल पीठ ने भी चैनल पर प्रतिबंध को बरकरार रखा था। याचिका मध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड (एमबीएल) की ओर से डाली गई थी। यही कंपनी इस चैनल को चलाती है। हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए चैनल के संपादक प्रमोद रमण और केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट ने भी अलग-अलग याचिकाएं डाली थी।

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