10 राज्यों में अल्पसंख्यक हैं हिंदू, पर नहीं मिलता लाभ, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया नोटिस
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 29, 2020 10:32 AM2020-08-29T10:32:17+5:302020-08-29T10:32:17+5:30
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि 10 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं, लेकिन उन्हें अभी तक ऐसा घोषित नहीं किया गया है.
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य स्तर पर अल्पसंख्यकों की पहचान के लिए दिशा- निर्देश बनाने के लिए दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया. याचिका में दावा किया गया है कि 10 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं लेकिन वे अल्पसंख्यकों के लिए बनी योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं.
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की खंडपीठ ने भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की जनहित याचिका पर गृह मंत्रालय, कानून मंत्रालय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय से जवाब मांगा. इन सभी मंत्रालयों को छह सप्ताह के भीतर नोटिस के जवाब देने हैं.
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि 10 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं, लेकिन उन्हें अभी तक ऐसा घोषित नहीं किया गया है. याचिका में अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान के लिए राष्ट्रीय आयोग बनाने संबंधी 2004 के कानून की धारा 2 (एफ) की वैधता को भी चुनौती दी गई है.
मौलिक अधिकारों का हनन याचिका में कहा गया है कि 'असली' अल्पसंख्यकों को इस लाभ से वंचित करने और इनके लिए बनाई गई योजनाओं का लाभ मनमाने तथा अनुचित तरीके से बहुसंख्यक लोगों में वितरित करने से संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों का हनन होता है.