सुप्रीम कोर्ट ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रवर्तकों मलविंदर सिंह और शिवविंदर सिंह को शुक्रवार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वे अवमानन के दोषी पाए गये तो उन्हें जेल भेजा जाएगा। साथ ही कोर्ट ने कहा कि वह अवमानन की सुनवाई के साथ आगे बढ़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही जापानी फर्म दायची को चार हजार करोड़ रुपये के भुगतान पर रैनबैक्सी के पूर्व प्रवर्तकों के जवाब पर भी निराशा जताई।
कोर्ट ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रवर्तकों के खिलाफ अवमानना की सुनवाई की अगली तारीख 11 अप्रैल तय की। पीटीआई के अनुसार सुनवाई कर रही बेंच ने कहा, 'आप भले ही आधी दुनिया पर राज करते हैं लेकिन इसकी आपके पास कोई ठोस योजना नहीं है कि पैसे कैसे जारी किये जाएंगे।'
पिछले महीने की सुनवाई में कोर्ट ने दोनों भाईयों से यह बताने को कहा था कि वे कैसे अपने खिलाफ सिंगापुर में आए फैसले के बाद उसके पालन करने की योजना बना रहे हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट जापान की फर्म दायची सैंक्यो की याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसने सिंह बंधुओं के खिलाफ अपने एक मामले में सिंगापुर न्यायाधिकरण के 3500 करोड़ रूपए के अवार्ड की रकम की वसूली कराने का अनुरोध किया है। जापान की फर्म ने अवमानना की याचिका दायर की है और कहा है कि इन दोनों ने उसे फोर्टिस हेल्थकेयर से कुछ शेयर देने का वायदा किया था।
दायची ने सिंह बंधुओं द्वारा स्थापित रैनबैक्सी को 2008 में खरीदा था। इसके बाद दायची ने सिंगापुर में रैनबैक्सी पर तथ्य छिपाने का आरोप लगाते हुए याचिका दायक की। दायची ने अपनी याचिका में कहा कि रैनबैक्सी अपने शेयर बेचने के समय अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन और डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के जांच के घेरे में था, जिसे नहीं बताया गया।