नीरव मोदी के खिलाफ नहीं होगी एसआईटी जांच, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की खारिज
By भारती द्विवेदी | Published: July 3, 2018 04:03 PM2018-07-03T16:03:17+5:302018-07-03T16:03:17+5:30
गौरतलब है कि केंद्र सरकार पहले भी कोर्ट से ऐसी जनहित याचिका को खारिज करने की अपील कर चुकी है।
नई दिल्ली, 3 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट ने नीरव मोदी के खिलाफ पीएनबी घोटाले में स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) जांच की मांग करने वाली पीआईएल को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में सरकार की तरफ से अटॉर्नी जेनरल केके वेणुगोपाल ने बताया कि पीआईएल में प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के खिलाफ बेबुनियाद इल्जाम लगाए गए हैं। गौरतलब है कि केंद्र सरकार पहले भी कोर्ट से ऐसी जनहित याचिका को खारिज करने की अपील कर चुकी है। केंद्र का कहना था कि पहले ही पीएनबी मामले में सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआई) जैसी जांच एजेंसियां स्वतंत्र रूप से जांच कर रही हैं।
Attorney general KK Venugopal submitted to the Supreme Court that the PIL seeking SIT probe into PNB Scam against Nirav Modi has made baseless allegations against PM and Finance Minister.
— ANI (@ANI) July 3, 2018
बता दें कि 2 जुलाई को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुए 13 हजार 500 रुपये करोड़ के घोटाले के मामले में मुख्य आरोपी नीरव मोदी के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा नीरव के खिलाफ उपलब्ध करवाए गए दस्तावेजों की अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ने जांच की। इसके बाद नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। बताया गया कि सीबीआई ने इंटरपोल को जो दस्तावेज उपलब्ध कराये हैं उनमें मुंबई की एक विशेष अदालत द्वारा जारी गैर जमानती वारंट और इस मामले में दायर आरोपपत्रों की जानकारी सहित अन्य दस्तावेज शामिल हैं।
इधर, पीएनबी घोटाले के केस से जुड़ी जानकारी लीक होने के मामले में सीबीआई के पूर्व अधिकारी जांच के घेरे में बताए गए। सीबीआई ने पिछले दिनों पूर्व ज्वाइंट डायरेक्ट राजीव सिंह का कम्प्यूटर सीज कर लिया था। शुरूआती जांच में अंदेशा लगा गया कि राजीव सिंह के ई-मेल अकाउंट से कुछ संदिग्ध मेल किए गए हैं, जिसके चलते उनका कम्प्यूटर सीज किया गया।
गौरतलब है कि मई में जांच एजेंसी ने नीरव मोदी और 23 अन्य के खिलाफ अदालत में 12000 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था। इनमें नीरव के पिता दीपक मोदी, बहन पूर्वी मेहता, बहनोई मयंक मेहता, भाई नीशल मोदी और एक अन्य रिश्तेदार निहाल मोदी भी शामिल हैं। वहीं ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने पीएनबी घोटाला मामले में आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और पीएमएलए के तहत आरोप लगाए हैं। नीरव मोदी अपने खिलाफ मामले दर्ज किये जाने से पहले ही देश से बाहर भाग गया था।
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नीरव कर चुका है चार देशों का यात्रा
नीरव अब तक करीब चार देशों में जा चुका है।1 जनवरी 2018 में वह मुंबई से यूएई गया था। जिसके बाद तमाम एजेंसियों के दवाब के बाद वह फरवरी में हांग कांग पहुंचा था। उस समय नीरव मोदी के खिलाफ अमेरिका में समाशोधन प्राधिकरण के समक्ष अर्जी लगाने के बाद अब हांग कांग में भी अदालत का दरवाजा खटखटाया था। अब खबरों की मानें तो कानूनी प्रक्रिया के डर से उसने 14 फरवरी को हांग कांग छोड़ा है।
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31 जनवरी को नीरव के खिलाफ दर्ज हुई थी एफआईआर
सीबीआई ने 31 जनवरी को नीरव मोदी के खिलाफ और 15 फरवरी को मेहुल चौकसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जनवरी में सीबीआई द्वारा केस दर्ज करने से पहले ही देश छोड़कर जा चुके थे। बताया गया है कि लोन देने से पहले कंपनियों को एक्सटर्नल कमर्शियल बॉरोविंग फॉर्म भरना होता है जोकि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को दिए गए लोन के लिए नहीं भरे गए थे।
सीबीआई कर चुकी है लुकआउट नोटिस जारी
सीबीआई नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर चुकी है, लेकिन दोनों ने भारत आने से इनकार कर दिया है। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने अपने वकीलों को माध्यम से सीबीआई को जवाब भेजकर कहा कि वो अभी देश वापस नहीं आ सकते। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने भारतीय मीडिया पर पूरे मामले को बढ़ाचढ़ा कर दिखाने का भी आरोप लगाया। वहीं भारत के विदेश मंत्रालय ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी का पासपोर्ट रद्द कर दिया।
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