सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म 'राम की जन्मभूमि' की रिलीज पर रोक लगाने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से साफ इनकार कर दिया है। 'राम की जन्मभूमि' फिल्म 29 मार्च को रिलीज होने वाली है। याचिका में मांग की गई थी कि फिल्म में 'राम की जन्मभूमि' में आपत्तिजनक बातें दिखाई जाएंगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चिका पर दो सप्ताह के बाद सुनवाई की जाएगी।
याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि फिल्म के प्रदर्शित होने से अयोध्या भूमि विवाद में जारी मध्यस्थता प्रक्रिया पर असर होगा।
सुप्रीम कोर्ट में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने ये फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, 'इस फिल्म से मध्यस्थता प्रक्रिया में कोई असर नहीं पड़ेगा और फिल्म के प्रदर्शन के बीच कोई संबंध नहीं है।'
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि हम नहीं समझते कि अयोध्या विवाद को लेकर चल रही मध्यस्थता पर इस फिल्म की रिलीज से कोई असर पड़ेगा।
'राम की जन्मभूमि' फिल्म का निर्देशन सनोज मिश्रा ने किया है। फिल्म की कहानी विवादित राम मंदिर मुद्दे के इर्द-गिर्द घूमती है।
याचिकाकर्ता का नाम याकूब हबीबुद्दीन तूसी है। स्वयं को मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर का वंशज बताने वाले तूसी ने फिल्म ‘राम की जन्मभूमि’ के रिलीज पर रोक लगाने का अनुरोध किया है।