हिजाब विवाद: कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर SC ने तत्काल सुनवाई से किया इनकार

By मनाली रस्तोगी | Published: February 11, 2022 11:09 AM2022-02-11T11:09:57+5:302022-02-11T11:37:01+5:30

कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट का कहना है कि वह इस मामले को उचित समय पर उठाएगा।

Supreme Court refuses to give an urgent hearing on plea challenging interim order of Karnataka High Court on Hijab row | हिजाब विवाद: कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर SC ने तत्काल सुनवाई से किया इनकार

हिजाब विवाद: कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर SC ने तत्काल सुनवाई से किया इनकार

Highlightsसुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है।सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह इस मामले को उचित समय पर उठाएगा।सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक हाई कोर्ट के 10 फरवरी के अंतरिम आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसके जवाब में कोर्ट का यह बयान सामने आया है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह देख रहा है कि कर्नाटक में क्या हो रहा है और हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है। ऐसे में कोर्ट ने वकीलों से कहा कि इसे राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा न बनाएं और सुप्रीम कोर्ट सही समय पर हस्तक्षेप करेगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक हाई कोर्ट के 10 फरवरी के अंतरिम आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसके जवाब में कोर्ट का यह बयान सामने आया है। 

मालूम हो, हिजाब मामले की सुनवाई कर रहे कर्नाटक हाई कोर्ट ने गुरुवार को छात्रों से कहा था कि जब तक मामला सुलझ नहीं जाता तब तक वे शैक्षणिक संस्थानों के परिसर में ऐसा कोई वस्त्र पहनने पर जोर नहीं दें जिससे लोगों को उकसाया जा सके। वहीं, कोर्ट ने मामले की सुनवाई 14 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी थी। 

अदालत ने मामले की सुनवाई सोमवार के लिए निर्धारित करते हुए यह भी कहा था कि शैक्षणिक संस्थान छात्र-छात्राओं के लिए कक्षाएं फिर से शुरू कर सकते हैं। बुधवार को गठित मुख्य न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति जे एम काजी और न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित की तीन सदस्यीय पीठ ने यह भी कहा कि वह चाहती है कि मामले को जल्द से जल्द सुलझाया जाए लेकिन उस समय तक शांति और सद्भावना बनाए रखनी चाहिए। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "मामले के निपटारे तक आप लोगों को इन सभी धार्मिक चीजों को पहनने की जिद नहीं करनी चाहिए।"

उन्होंने कहा था, "हम आदेश पारित करेंगे। स्कूल-कॉलेज शुरू होने दें। लेकिन जब तक मामला सुलझ नहीं जाता तब तक किसी भी छात्र-छात्राओं को धार्मिक पोशाक पहनने पर जोर नहीं देना चाहिए।" हालांकि, याचिकाकर्ताओं के वकील देवदत्त कामत ने अदालत से उनकी आपत्ति पर विचार करने का अनुरोध किया था और कहा था कि ऐसा आदेश अनुच्छेद 25 के तहत उनके मुवक्किल के संवैधानिक अधिकारों को निलंबित करने के बराबर होगा। ऐसे में कामत ने कहा था, "यह उनके अधिकारों का पूर्ण हनन होगा।"

Web Title: Supreme Court refuses to give an urgent hearing on plea challenging interim order of Karnataka High Court on Hijab row

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