अमीश देवगन को सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी राहत, FIR रद्द करने से इनकार, सूफी संत पर टिप्पणी से जुड़ा है मामला

By विनीत कुमार | Updated: December 7, 2020 15:40 IST2020-12-07T15:30:55+5:302020-12-07T15:40:09+5:30

अमीश देवगन ने इसी साल जून में अपने डिबेट कार्यक्रम में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसे ही लेकर विवाद शुरू हुआ। बाद में अमीश ने ट्वीट कर माफी भी मांगी थी।

Supreme Court refused to quash FIR against Amish Devgan for remark Khwaja Moinuddin Chisti | अमीश देवगन को सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी राहत, FIR रद्द करने से इनकार, सूफी संत पर टिप्पणी से जुड़ा है मामला

अमीश देवगन के खिलाफ FIR रद्द करने की मांग से सुप्रीम कोर्ट का इनकार (फाइल फोटो)

Highlightsसुप्रीम कोर्ट का सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन पर टिप्पणी मामले में अमीश देवगन के खिलाफ FIR को रद्द करने से इनकारअमीश देवगन ने विवादित टिप्पणी 15 जून के अपने एक डिबेट कार्यक्रम में की थी बाद में अमीश ने सफाई दी थी कि उनके मुंह से गलती से सूफी संत का नाम निकला था

सुप्रीम कोर्ट ने टीवी एंकर अमीश देवगन को झटका देते हुए उनके खिलाफ एक मामले में दर्ज कई FIR को रद्द करने की मांग को खारिज कर दिया। सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन पर टिप्पणी के मामले में ये एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। अमीश देवगन ने विवादित टिप्पणी 15 जून के अपने एक डिबेट कार्यक्रम में की थी। 

कोर्ट ने ये भी अमीश अगर मामले की जांच में सहयोग करते हैं तो उन्हें किसी जबरन कार्रवाई से सुरक्षा मिलती रहेगी। जस्टिस ए एम खनविलकर और संजीव खन्ना की पीठ ने साथ ही विभिन्न राज्यों में अमीश के खिलाफ दायर एफआईआर को राजस्थान के अजमेर ट्रांसफर करने के भी आदेश दिए। 

अमीश के खिलाफ ये एफआईआर महाराष्ट्र सहित उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में भी दायर किए गए थे। इससे पूर्व ही सुनवाई में कोर्ट ने तत्काल अमीश के खिलाफ किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।

अमीश के खिलाफ ये एफआईआर उनके डिबेट कार्यक्रम 'आर-पार' में की गई टिप्पणी को लेकर हैं। अमीश ने हालांकि बाद में ट्वीट कर माफी भी मांगी थी और कहा था वे असल में मुस्लिम शासक अलाउद्दीन खिलजी का जिक्र कर रहे थे लेकिन गलती से चिश्ती नाम मुंह से निकल गया।

अमीश देवगन ने अपने वकील मृणाल भारती के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में यह कहते हुए एफआईआर को रद्द करने की गुहार लगाई थी कि ऐसा जुबान फिसलने की वजह से हुआ और उन्होंने पहले ही 'अनजाने' में हुई इस गलती के लिए खेद व्यक्त किया है।

देवगन ने कोर्ट से कहा, ‘किसी भी FIR में यह नहीं कहा गया कि सार्वजनिक व्यवस्था खराब हो रही है।’ वहीं, राजस्थान की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मनीष सिंघवी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि जांच करना पुलिस का अधिकार है। 

इससे पहले अमीश देवगन ने 16-17 जून की रात ट्वीट कर अपनी टिप्पणी को लेकर सफाई दी थी। वहीं, चैनल की ओर से अमीश देवगन के हवाले से एक वीडियो संदेश चलाया गया।  

Web Title: Supreme Court refused to quash FIR against Amish Devgan for remark Khwaja Moinuddin Chisti

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