जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार

By भाषा | Updated: February 17, 2023 13:29 IST2023-02-17T13:25:21+5:302023-02-17T13:29:38+5:30

सुप्रीम कोर्ट जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रवाधानों को खत्म किए जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस संबंध में कहा वे इस पर फैसला करेंगे।

Supreme Court ready to hear petition against scrapping of Article 370 in Jammu and Kashmir | जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार

अनुच्छेद 370 को खत्म करने के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार (फाइल फोटो)

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को जल्द सूचीबद्ध करने पर फैसला करेगा।

प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ एवं न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा तथा न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने एक पक्ष की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामचंद्रन की दलीलों पर गौर किया कि इन याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई आवश्यक है।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ठीक है। मैं इस पर फैसला करूंगा।’’ पिछले साल 14 दिसंबर को लंबित मामलों में हस्तक्षेप कर रही पीठ के समक्ष अकादमिक एवं लेखक राधा कुमार ने याचिकाओं को जल्द सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया था।

सुप्रीम कोर्ट पहले भी मामले पर सुनवाई के लिए हुआ था तैयार

इससे पहले पिछले साल 25 अप्रैल और 23 सितंबर को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण (अब सेवानिवृत्त) की अगुवाई वाली पीठ अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमत हुई थी।

शीर्ष अदालत को इन याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पांच न्यायाधीशों की पीठ का फिर से गठन करना होगा क्योंकि इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही पांच न्यायाधीशों की पीठ का हिस्सा रहे पूर्व प्रधान न्यायाधीश रमण एवं न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

दो पूर्व न्यायाधीशों के अलावा न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत उस पीठ का हिस्सा थे जिसने पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र के फैसले की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को दो मार्च, 2020 को सात-न्यायाधीशों की एक बड़ी पीठ को भेजने से मना कर दिया था।

अनुच्छेद 370 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं 2019 में तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने न्यायमूर्ति रमण की अध्यक्षता वाली एक संविधान पीठ को भेजी थी। केंद्र के इस फैसले के बाद जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया। केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द कर दिया था।

Web Title: Supreme Court ready to hear petition against scrapping of Article 370 in Jammu and Kashmir

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