नुपुर शर्मा की याचिका की सुनवाई करने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज ने 'पर्सनल अटैक' को लेकर क्या कहा, जानिए

By रुस्तम राणा | Published: July 3, 2022 09:59 PM2022-07-03T21:59:26+5:302022-07-03T22:10:20+5:30

जस्टिस पारदीवाला ने कहा, "न्यायाधीशों पर उनके निर्णयों के लिए व्यक्तिगत हमले एक खतरनाक ट्रेंड की ओर ले जाता है जहां न्यायाधीशों को यह सोचना पड़ता है कि कानून वास्तव में क्या सोचता है इसके बजाय मीडिया क्या सोचता है। 

Supreme Court Judge Who Heard Nupur Sharma Plea Slams "Personal Attacks" | नुपुर शर्मा की याचिका की सुनवाई करने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज ने 'पर्सनल अटैक' को लेकर क्या कहा, जानिए

नुपुर शर्मा की याचिका की सुनवाई करने वाले सुप्रीम कोर्ट के जज ने 'पर्सनल अटैक' को लेकर क्या कहा, जानिए

Highlightsव्यक्तिगत हमले को जस्टिस पादरीवाला ने बताया खतरनाक ट्रेंडकहा - यह न्यायिक संस्थान को नुकसान पहुंचा रहा है

नई दिल्ली: नुपूर शर्मा की याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के जज पर हो रहे पर्सनल अटैक को लेकर जस्टिस पारदीवाला ने इसे खतरनाक ट्रेंड बताया है। पारदीवाला बीजेपी से निलंबित नेता की याचिका की सुनवाई करने वाले बेंच में शामिल थे।

रविवार को एक समारोह में अपने संबोधन में, न्यायमूर्ति पारदीवाला ने कहा, "न्यायाधीशों पर उनके निर्णयों के लिए व्यक्तिगत हमले एक खतरनाक ट्रेंड की ओर ले जाता है जहां न्यायाधीशों को यह सोचना पड़ता है कि कानून वास्तव में क्या सोचता है इसके बजाय मीडिया क्या सोचता है। 

उन्होंने कहा, यह ट्रेंड कानून के शासन को नुकसान पहुंचाता है। सामाजिक और डिजिटल मीडिया मुख्य रूप से न्यायाधीशों के खिलाफ उनके निर्णयों के रचनात्मक आलोचनात्मक मूल्यांकन के बजाय व्यक्तिगत राय व्यक्त करने का सहारा लेता है। यह न्यायिक संस्थान को नुकसान पहुंचा रहा है और इसकी गरिमा को कम कर रहा है। 

सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा कि निर्णयों का उपाय सोशल मीडिया के साथ नहीं है, लेकिन पदानुक्रम में उच्च न्यायालयों के साथ है। न्यायाधीश कभी भी अपनी जुबान से नहीं बोलते, केवल अपने निर्णयों के माध्यम से कहते हैं। भारत में, जिसे पूरी तरह से परिपक्व या परिभाषित लोकतंत्र के रूप में परिभाषित नहीं किया जा सकता है, सोशल मीडिया को पूरी तरह से कानूनी और संवैधानिक मुद्दों का राजनीतिकरण करने के लिए अक्सर नियोजित किया जाता है।"  

उन्होंने कहा कि संविधान के तहत कानून के शासन को बनाए रखने के लिए पूरे देश में डिजिटल और सोशल मीडिया को व्‍यवस्थित करने की आवश्यकता है। आपको बता दें कि याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पैगंबर मोहम्‍मद पर नूपुर शर्मा के बयान को लेकर कई सख्‍त टिप्‍पणियां की थी। इसके बाद से ही जजों के फैसलों को लेकर लगातार व्‍यक्तिगत हमले हो रहे हैं।

बीजेपी से निलंबित प्रवक्ता ने अपने खिलाफ भिन्न-भिन्न राज्यों में हुई एफआईआर को एक जगह पर लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी। नुपूर शर्मा ने याचिका में यह भी कहा था कि लगातार उन्हें जान से मारने और रेप की धमकियां मिल रही हैं। 

Web Title: Supreme Court Judge Who Heard Nupur Sharma Plea Slams "Personal Attacks"

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे